एडिलेड डे नाइट टेस्ट में इंडियन टीम को ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। टीम इंडिया ने पहली पारी में 244 रन बनाये जिसके बाद भारत की टीम ने दूसरी पारी में केवल 36 रन बनकर आलआउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया के सामने विराट कोहली एंड कंपनी ने सिर्फ 90 रनों का ही लक्ष्य रख पाए। इस छोटे से लक्ष्य को ऑस्ट्रेलिया ने जो बर्न्स की फिफ्टी की बदौलत दो विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया। ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के पहले मैच में इंडियन टीम को आठ विकेट से करारी मात दे दी।
इस हार के कारण टीम इंडिया चार टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से पिछड़ गई है। पहले टेस्ट की दूसरी पारी में बल्लेबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन से पहले ही इंडियन फील्डर्स ने काफी खराब खेल का प्रदर्शन किया। कप्तान विराट कोहली ने कहा कि इंडियन फील्डरों के कैच छोड़ने के कारण ही आस्ट्रेलिया को इसका लाभ मिला। बता दें मयंक अग्रवाल ने आस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन का कैच छोड़ा था। जिसके बाद पेन ने नाबाद 73 रन बनाते हुए आस्ट्रेलिया को 191 के स्कोर दिलाये थे। जब पेन का कैच छूटा था तब वो महज 26 रनों पर ही खेल रहे थे। तो वहीं इंडियन टीम ने मार्नस लाबुशैन के भी कैच छोड़ दिए थे।
विराट कोहली ने बताया, “पेन का कैच काफी अहम रहा। मुझे लगता है कि उस वक्त उनका स्कोर सात विकेट पर 110 (111) रन था। जिसके बाद पेन को अवसर मिल गया और उन्होंने 70 के तक़रीबन रन बना लिए। जिसके बाद इसी तरह लाबुशैन को भी अवसर मिल गए। टेस्ट क्रिकेट में आपको इस तरह के मौके भुनाने होते हैं, क्योंकि यह आपके लिए बेहद महंगे साबित हो सकते हैं। हमने देखा है कि टेस्ट क्रिकेट में कैच न लेने का परिणाम बुरे हो सकते हैं। कोई भी टीम आपको बार-बार इस तरह का अवसर नहीं देती हैं। जब भी आपको इस तरह अवसर मिले उसे छोड़ना नहीं चाहिए। यदि वो कैच पकड़ लिए जाते और हमारे पास कुछ और रनों की बढ़त होती तो यह हमारे लिए बेहद अच्छा साबित होता।”
कहा जाये तो साल 2020 विराट कोहली के लिए निजी तौर पर भी काफी अच्छा नहीं रहा। विराट कोहली 2008 के बाद पहली बार किसी कैलेंडर ईयर में एक भी शतक नहीं बना पाए। साथ ही कोहली को इस वर्ष तीन टेस्ट में लगातार हार का मुँह देखना पड़ा। वहीं अब ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध पहला टेस्ट खेलने के बाद कप्तान विराट कोहली वापस भारत आ रहे हैं।