Breaking News

एंटीलिया केस: सचिन वाजे के करीबी रियाज काजी को NIA ने किया गिरफ्तार

उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से लदी मिली स्कॉर्पियो कार के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। एनआईए का दावा है कि विस्फोटक रखने के पीछे मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का मकसद इसके जरिये एक बड़े एनकाउंटर को अंजाम देना था। इस एनकाउंटर में ढेर करने के लिए दिल्ली से भी एक बड़े बदमाश को उठाए जाने की योजना थी। फिलहाल क्राइम ब्रांच के पूर्व एपीआई वाजे को अदालत ने न्यायिक हिरासत में मुंबई की तलोजा जेल में भेजा है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सचिन वाजे को स्कॉर्पियो कांड में 13 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 27 दिन लंबी पूछताछ में एनआईए को जिलेटिन विस्फोटक की छड़ों से भरी स्कॉर्पियो को अंबानी के आवास एंटीलिया के पास लावारिस हालत में खड़ी करने के पीछे की पूरी कहानी पता चली। एनआईए की टीम ने फिलहाल यह बात सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, वाजे की योजना कुछ बदमाशों को उठाकर उनका एनकाउंटर करने की थी।

इसके बाद वाजे स्कॉर्पियो खड़ा करने का आरोप इन बदमाशों के सिर डालकर वाहवाही लेना चाहता था। सूत्रों के मुताबिक, एनकाउंटर औरंगाबाद से चोरी की गई मारुति इको कार में किया जाना था। एनआईए को शक है कि इस एनकाउंटर में मनसुख हिरेन के अलावा दिल्ली के एक बदमाश को भी मारने की योजना थी। दरअसल एक समय मुंबई पुलिस के स्टार अधिकारियों में रहा वाजे लंबे समय तक निलंबित रहने के कारण लाइमलाइट से बाहर था। इस एनकाउंटर के जरिये वाजे दोबारा वही दर्जा हासिल करना चाहता था। लेकिन वाजे की योजना सफल होने से पहले ही केस को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया और सारा खेल खराब हो गया।

वाजे के खाते में करोड़ों रुपये

एनआईए ने अदालत में बताया था कि उन्हें वाजे के पास कई लाख रुपये की नकदी के अलावा बेनामी कारतूस मिले हैं। साथ ही उसके बैंक खाते में डेढ़ करोड़ रुपए जमा होने की जानकारी मिली है। एजेंसी ने दावा किया है कि एंटीलिया के पास विस्फोटक रखने की साजिश में मनसुख हिरेन भी शामिल था। इसी वजह से उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।

क्या है पूरा मामला

24-25 फरवरी की दरमियानी रात दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर एक स्कॉर्पियो गाड़ी लावारिस खड़ी मिली थी। 25 फरवरी की दोपहर में पुलिस ने कार से 20 जिलेटिन विस्फोटक की छड़ें बरामद की थीं। मामले की जांच उस समय मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच में तैनात सचिन वाजे ने अपने हाथ में ले ली थी। बाद में जांच एनआईए ने अपने हाथ में ले ली थी। पांच मार्च को इस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ। इसके बाद महाराष्ट्र एटीएस ने मनसुख की हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की। एनआईए ने 13 मार्च को सचिन वाजे को गिरफ्तार किया। बाद में दोनों मामलों की जांच एनआईए को ही सौंप दी गई।