Breaking News

उन्नाव में चढ़ा सियासी रंग, पूर्व सांसद को विधायक समर्थकों ने खदेड़ा

उन्नाव के असोहा में दो दलित लड़कियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत तथा एक की हालत गंभीर का मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। शुक्रवार की दोपहर में दो लड़कियों का अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार के बाद पूर्व सांसद सावित्री बाई फूले पीड़िता के परिजनों से मिलने पहुंची। मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाते हुए पूरवा विधायक अनिल सिंह के समर्थकों ने उन्हें दोड़ा कर भगा दिया। गांव में विरोध होता देख कांशीराम बहुतचन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सावित्री बाई पफूले का वापस होना पड़ा। असोहा थाना क्षेत्र के बाबुरहा गांव का यह मामला तेजी से राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। लड़कियों की मौत के मामले में पुलिस को एक अहम सुराग मिला है। लड़कियों ने गांव की एक दुकान से चिप्स के पैकेट लिए थे और खाए भी थे। पुलिस ने दुकान से बाकी बचे नमकीन के सारे पैकेट जब्त कर लिए हैं और उन्हें जांच के लिए भेजा है। पुलिस इस मामले में कई बिंदुओं को लेकर जांच कर रही है। हत्या, आत्महत्या और हादसे कड़ी जोड़ने का प्रयास कर रही है।

जांच के के लिए फॉरेंसिक टीम स्निफर डाॅड के मौका को देख चुकी है। खोजी कुत्तों के जरिए पुलिस घटनास्थल के पास जांच के दौरान पता चला कि कुत्ता घटनास्थल पर सूंघने के बाद बार-बार एक दुकान की तरफ दौड़ रहा था। साबिर ने पूछताछ में बताया कि घटना वाले दिन बुधवार दोपहर घर से निकलते वक्त लड़कियों ने उसकी दुकान से नमकीन के पैकेट लिए थे और जाते वक्त खाए भी थे। पुलिस ने साबिर की दुकान से बाकी बचे उस नमकीन के सारे पैकेट जब्त कर लिए हैं। उन्हें जांच के लिए भेज दिया गया है। गांव के इस तरफ के हिस्से में यह अकेली ऐसी दुकान है जिसमें रोजमर्रा की चीजें मिलती हैं। पुलिस नमकीन के पैकेट्स का जांच करा रही है। मरने वाली दोनों लड़कियों के शरीर में जहरीला पदार्थ पाया गया है लेकिन किसी भी तरीके की जोर-जबर्दस्ती या चोट के निशान नहीं मिले हैं।

जांच में अब सवाल उठता है कि आखिरकार यह जहरीला पदार्थ लड़कियों के शरीर में पहुंचा कैसे? क्या इन लड़कियों ने किसी वजह से खुद जहरीला पदार्थ खाया या किसी खाने के सामान में जहर होने की वजह से उनकी मौत हुई? ये भी संभावना है कि किसी ने धोखे से या जानबूझकर उन्हें कोई जहरीला पदार्थ खिला दिया हो.।तमाम ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब पुलिस तलाश सही है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।