कोविड-19 के खिलाफ चल रही जंग जीतने के लिए इम्युनिटी बूस्टर पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए आयुष काढ़ा सहित कई तरह के विकल्प मार्केट में उपलब्ध हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में इम्युनिटी बढ़ाने का एक खास विकल्प सामने आया है। इसे सुनकर थोड़ा अटपटा जरूर लग सकता है, लेकिन ये निश्चित रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर है। यह खास विकल्प है इम्युनिटी बूस्टर साड़ियां, जो मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से लॉन्च की गई हैं।
बता दें कि यूपी में भी कोरोना से बचने के लिए इसी तरह का इम्युनिटी बूस्टर कार्ड लॉन्च किया जा चुका है। मध्यप्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए हर्बल साड़ियां और इम्युनिटी बूस्टर साड़ियां तैयार की जा रही हैं, इन्हें आयुर्वस्त्र का नाम दिया गया है। इन साड़ियों को तैयार करने का तरीका भी खास ही है। इन्हें बनाने के लिए कई तरह के मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें गर्म रहने वाले मसाले जैसे तेज पत्ता, लौंग, बड़ी इलायची, चक्रफूल, जावित्री, दालचीनी, काली मिर्च, शाही जीरा, छोटी इलायची आदि मसालों का उपयोग किया जाता हैं। इन साड़ियों पर करीब 2 महीने ट्रायल किया गया। इसके बाद सटीक हल निकलने पर इन मसालों का मिश्रण तैयार किया गया और फिर जाकर आयुर्वस्त्रों को तैयार किया गया।
इन मसालों को कूट कर बारीक पीसा जाता है और 48 घंटे से ज्यादा समय तक मसाले की पोटली को पानी में रखकर एक भट्टी पर इस औषधि युक्त पानी की भाप से वस्त्र बनाने वाले कपड़े को घंटों तक ट्रीट किया जाता है। इस दौरान साड़ियां को तैयार करने में कई सावधानियां बरती जाती हैं, तब जाकर ये साड़ियां इस्तेमाल के लिये तैयार होती हैं. ऐसे में एक साड़ी बनने में करीब 5 से 6 दिन का समय लगता है।
जब इन साड़ियों को पहना जाएगा तो आपकी इम्युनिटी तो बढ़ती है लेकिन ऐसा नहीं है कि ये सदैव ऐसी ही रहेंगी। कई तरह के मसालों से ट्रीट की गई इन साड़ियों का असर 4 से 5 धुलाई तक ही रहता है. इसलिए खरीददार को सलाह दी जाती है कि वो इनकी धुलाई के लिए कम से कम कैमिकल युक्त पावडर का इस्तेमाल करें ताकि असर ज्यादा दिनों तक बना रहे।
3 से 5 हजार तक है कीमत
इन साड़ियों की कीमत 3 से 5 हजार रुपए के बीच तक आती है। अभी ये साड़ियां केवल भोपाल और इंदौर के मृगनयनी स्टोर्स पर ही मिल रही हैं, लेकिन जल्द ही देश के अन्य राज्यों में स्थित एमपी के मृगनयनी स्टोर्स पर भी उपलब्ध हो सकेंगी।