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इस राजा का अजीब राजतंत्र…कुत्ते को बना दिया था एयर फोर्स चीफ…अब विदेश में कर रहा ऐश

थाईलैंड के विवादित राजा महा वाचिरालोंगकोन और उनके नीतियों के खिलाफ बड़े विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा के पद छोड़ने और आपातकाल की घोषणा के बाद से चार से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद भी पिछले एक हफ्ते से प्रदर्शनकारी इकट्ठा होकर राजतंत्र के खिलाफ लोकतंत्र की मांग रख रहे हैं। हालांकि, राजा महा वाचिरालोंगकोन के प्रति लोगों का गुस्सा नाजायज भी नहीं है। एक ओर जहां पूरा थाईलैंड कोरोना की मार और लॉकडाउन के कारण आए आर्थिक बदहाली को झेल रही है, तो वहीं राजा महा वाचिरालोंगकोन अपनी 20 शाही सहयोगी, 4 पत्नियों और तमाम नौकर-नौकरानियों के साथ जर्मनी के एक होटल में रह रहे हैं।

जर्मनी में एक फाइव स्टार होटल का पूरा फ्लोर राजा और उनकी शाही सहयोगियों के लिए बुक किया गया है।  थाईलैंड में शाही सहयोगी राजा की ऐसी साथी की कहते हैं जो उनकी पत्नी न हो। यह पद 1932 में राजतंत्र के साथ ही खत्म कर दिया गया था। लेकिन हाल ही मौजूदा राजा ने इसे फिर से जीवित कर दिया है। राजा इन शाही सहयोगी के साथ मनोरंजन करते हैं। जर्मनी की सरकार ने थाईलैंड के राजा के रुके होने के चलते होटल स्टाफ को काम चालू रखने के लिए स्पेशल परमिशन दी है। राजा महा वाचिरालोंगकोन ने 35 साल की सिननेत वोंगवाजीरापाकडी के साथ शादी की थी। सिननेत पहले नर्स थीं, जो बाद में थाई आर्मी में हेलीकॉप्टर की पायलट बन गईं। पायलट की नौकरी के तीन महीने के अंदर ही राजा ने सिननेत के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया था। लेकिन उनकी यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं टिकी और कुछ ही दिनों के बाद राजा ने उन पर बेवफाई का आरोप लगाकर जेल भेज दिया था।

हालांकि, कुछ दिन पहले ही सिननेत वोंगवाजीरापाकडी को एक साल तक जेल में रखने के बाद उनकी सजा माफ कर दी है। रिहाई के तुरंत बाद सिननेत को राजा के पास जर्मनी भेज दिया गया। राजा महा अपने हरकतों से पूरी दुनिया में चर्चा में बने रहते हैं। उनके दिवंगत कुत्ते फू-फू के साथ विचित्र जुनून था और उसे रॉयल थाई एयर फोर्स का एयर चीफ मार्शल बना दिया था। कोरोना काल में थाईलैंड से दूर जर्मनी में राजा महा वाचिरालोंगकोन आलीशान जिंदगी बिता रहे हैं। बता दें कि थाईलैंड में राजा की आलोचना करने पर 15 साल जेल की सजा का प्रावधान है। हालांकि, इन सब के बावजूद भी कतंत्र समर्थक लोग राजा के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं।