इराक (Iraq) के एयरबेस (Airbase) पर चार रॉकेट दागे (Four Rockets) गए हैं, जिसमें एक व्यक्ति जख्मी हुआ है. इराकी सेना (Iraqi Military) ने एक बयान में इसकी जानकारी दी. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि एयरबेस पर अमेरिकी डिफेंस कंपनी सर्विस (American defence company services) का लड़ाकू विमान (Combat Aircraft) भी तैनात था. अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है. ये हमला इरबिल हवाई अड्डे पर हुए हमले के कुछ दिन बाद हुआ है.
चार सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि ये हमला सलाहद्दीन प्रांत (Salahaddin province) के बलाद एयरबेस (Balad Airbase) पर हुआ है. हमले में घायल हुआ व्यक्ति एयरबेस पर एक कंपनी के लिए काम करता है. बताया गया है कि वह दक्षिण अफ्रीका का रहने वाला है. अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी डिफेंस कंपनी सैलीपोर्ट (Sallyport) का एयरबेस के भीतर ही मुख्यालय है. वर्तमान में 46 अमेरिकी लोग इराक के F-16 प्रोग्राम को तैयार करने में मदद कर रहे हैं.
कुछ दिन पहले हुआ था इरबिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमला
हाल ही में इरबिल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Irbil International Airport) के बाहर हवाई हमला हुआ था. इसके कुछ दिनों बाद ही एयरबेस पर इस घटना को अंजाम दिया गया है. गौरतलब है कि दर्जनों रॉकेटों के जरिए गठबंधन सेनाओं को कुर्दिश नियंत्रण वाले उत्तरी इराक में स्थित हवाई अड्डे पर निशाना बनाया गया था. इस हमले में एक कॉन्ट्रैक्टर की मौत हो गई थी और नौ लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे. इसके अलावा, यहां रहने वाले इराकी और कुर्दिश लोग भी बुरी तरह घायल हुए थे.
NATO ने कहा- IS से लड़ने के लिए बढ़ाएगा सैनिकों की संख्या
सरया अवलिया अल-दाम (Saraya Awliya al-Dam) कहने वाले एक शिया उग्रवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. ये हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब NATO ने ऐलान किया है कि ये इराक में तैनात अपने 500 सैनिकों की संख्या को बढ़ाकर 4,000 करने वाला है. NATO का कहना है कि ऐसा इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के बचे हुए आतंकियों को खत्म करने के लिए किया जा रहा है. सैनिकों की संख्या बढ़ाने का ये फैसला तब लिया गया है, जब अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन के सैनिकों की संख्या में इराक में पिछले एक साल में काफी कम हो गई है.