जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) को स्पेशल दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 (Article 370) को अस्थायी प्रावधान करार देने और स्पेशल दर्जा (Special Status) निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखने वाले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के खिलाफ दाखिल रिव्यू पिटिशन (Review petition) पर आज (1 मई को) सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर 2023 को दिए अपने फैसले में कहा था कि जम्मू-कश्मीर को स्पेशल दर्जा देने वाला अनुच्छेद-370 अस्थायी प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार के फैसले को वैध करार दिया था। इस फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले को रखा था बरकरार
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को सही ठहराते हुए बरकरार रखा था। 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था, साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां दी गई थीं, सभी को सुनने के बाद सितंबर में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस फैसले को सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
स्थानीय नेता कर रहे हैं विरोध
जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेताओं समेत कई लोग लगातार आर्टिकल 370 हटाने का विरोध करते रहे हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं से मौजूदा लोकसभा चुनाव में अपने वोट के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त करने पर अपनी नाखुशी दर्ज कराने की अपील की है। महबूबा ने सोमवार को अनंतनाग जिले के लारकीपोरा इलाके में सड़क किनारे एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘यह कोई विधानसभा चुनाव नहीं है। यह इस बारे में नहीं है कि पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस अथवा कांग्रेस पार्टी जीतेगी या नहीं। यह चुनाव एक संदेश देने वाला है कि 2019 में लिए गए फैसले और उसके बाद जो हुआ वह लोगों को स्वीकार्य नहीं है।’