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आधार नामांकन के लिए फिंगरप्रिंट जरूरी नहीं, आईरिस स्कैन के लिए ये है शर्त

भारत सरकार (Indian government) ने आधार नामांकन (aadhaar enrollment) को लेकर बड़ा बदलाव किया है। जिन लोगों की आंखें नहीं हैं या जिनकी अंगुलियां नहीं हैं उनका भी आधार कार्ड बनेगा। सरकार ने शनिवार को कहा कि आधार के लिए पात्र व्यक्ति अंगुलियों के निशान (fingerprint) उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में आइरिस (आंखों की पुतली) स्कैन का उपयोग करके नामांकन कर सकता है।

सरकार ने शनिवार को कहा कि ‘आधार’ के लिए पात्र व्यक्ति उंगलियों के निशान उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ‘आईरिस’ स्कैन का उपयोग करके नामांकन कर सकता है। यह बयान इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर द्वारा केरल में एक महिला जोसीमोल पी जोस के नामांकन को सुनिश्चित करने के लिए आया है। महिला हाथ की उंगलियां नहीं होने के कारण आधार के लिए नामांकन नहीं कर सकी थी।

क्या कहा मंत्री ने: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की एक टीम ने उसी दिन केरल के कोट्टायम जिले के कुमारकम में रहने वाली जोस से उसके घर पर मुलाकात की और उसका आधार नंबर तैयार किया। चंद्रशेखर ने कहा कि सभी आधार सेवा केंद्रों से कहा गया है कि वैकल्पिक बायोमेट्रिक्स लेकर धुंधली उंगलियों के निशान या इसी तरह की दिव्यांगता वाले अन्य लोगों को आधार जारी किया जाना चाहिए।

 

बयान के अनुसार, “एक व्यक्ति जो आधार के लिए पात्र है, लेकिन उंगलियों के निशान देने में असमर्थ है, वह केवल आईरिस स्कैन का उपयोग करके नामांकन कर सकता है। इसी प्रकार, एक पात्र व्यक्ति जिसकी आंखों की पुतली किसी भी कारण से नहीं ली जा सकी है, वह केवल अपने फिंगरप्रिंट का उपयोग करके नामांकन कर सकता है।”

इसमें कहा गया कि उंगली और आईरिस बायोमेट्रिक्स, दोनों ही देने में असमर्थ व्यक्ति का नाम, लिंग, पता, जन्मतिथि का उपलब्ध बायोमेट्रिक्स के साथ मिलान किया जाता है।