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आज ही जन्मीं थीं हाइजैक फ्लाइट में आतंकियों का सामना करने वाली बहादुर बेटी, 360 लोगो की जान बजाकर ली थी आखिरी सांस

हाईजैकिंग (High jacking) में तमाम लोगों की जान बचाने वाली भारतीय एयरहोस्टेज नीरजा भनोट (Indian Air Hostess Neeraja Bhanot) का जन्म हुआ था. हीरोइन ऑफ हाईजैक के नाम से मशहूर नीरजा की जिंदगी की कहानी उनकी हिम्मत की कहानी बयां करती है. जानिए नीरजा की जिंदगी से जुड़ी वो बातें, जो उन्हें लाखों लोगों से अलग बनाती है.

नीरजा भनोट का किरदार निभाने पर सोनम को मिला था नेशनल अवार्ड - happy-birthday -neerja-bhnot

23 साल की नीरजा भनोट ने 5 सितंबर 1986 को हाईजैक हुए पैमएम फ्लाइट 73 (PanM 73)में सवार 359 लोगों की जान अपनी जान देकर बचाई थी. उन्हीं की जिंदगी पर सोनम कपूर (Sonam Kapoor) स्टारर फिल्म नीरजा बनी थी.

फिल्म आने के बाद दिवंगत नीरजा भनोट को लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स (House of commons) में एक समारोह में भारत गौरव अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. इस अवॉर्ड को नीरजा के भाइयों अखिल और अनीष भनोट ने लंदन की वेस्टमिंस्टर पार्लियामेंट में ग्रहण किया.

फिल्म आने के बाद दिवंगत नीरजा भनोट को लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स (House of commons) में एक समारोह में भारत गौरव अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. इस अवॉर्ड को नीरजा के भाइयों अखिल और अनीष भनोट ने लंदन की वेस्टमिंस्टर पार्लियामेंट में ग्रहण किया.

नीरजा के बलिदान के कारण उन्हें सिर्फ भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी याद किया जाता है. भारत और पाकिस्तान दोनों की सरकारों ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान से नवाज़ा था.

हाईजैकिंग की इस घटना से बचकर निकले यात्री माइकल थेक्सटन ने एक पुस्तक लिखी थी. किताब में दावा किया कि उन्होंने हाईजैकर्स को बात करते हुए सुना था कि वे जहाज को 9/11 की तरह इजराइल में किसी निर्धारित निशाने पर क्रैश कराना चाहते थे.

आतंकियों का प्रमुख मकसद अमेरिकी नागरिकों को मारकर पाकिस्तान पर दबाव बनाना था. इसलिए उन्होंने सभी यात्रियों के पासपोर्ट जमा करने के लिए नीरजा को कहा. नीरजा ने बड़ी चालाकी से अमेरिकी नागरिकों के पासपोर्ट छिपाकर बाकी आतंकियों को सौंप दिए थे.

एयरहोस्टेज से पहले नीरजा ने कई मॉडलिंग असाइमेंट किए थे. उन्होंने कुल 22 विज्ञापनों में काम किया था. 1985 में उनकी शादी हो गई थी लेकिन 2 महीने बाद ससुराल वालों की मांग के चलते वो वापस लौट आईं.

1985 में उन्होंने पैन एएम एयरलाइन्स के लिए आवेदन किया और चयन के बाद उन्हें फ्लाइट अटेंडेंट के तौर पर ट्रेनिंग के लिए मियामी और फ्लोरिडा भेजा गया. उन्हें बाद में चुन लिया गया.

भारत, पाकिस्तान और ब्रिटेन के अलावा अमेरिकी सरकार की तरफ से उन्हें निधन के बाद जस्टिस फॉर क्राइम अवॉर्ड से नवाजा गया था.

ये कम ही लोग जानते हैं कि नीरजा ने एंटी-हाईजैकिंग कोर्स भी पूरा किया था. जो उनके हाईजैकिंग प्रकरण के दौरान बहुत काम में आया.

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