मध्य-पूर्व एशिया (middle-east asia)में एक बार फिर तनाव बढ़ने से सोने की कीमतों (gold prices)में तेज उछाल आया है। सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार (International market)में इसके दाम सर्वकालिक उच्चस्तर(all time high) पर पहुंच गई। सोमवार को शाम के कारोबार में एमसीएक्स पर सोना 74394 पर बंद हुआ और चांदी 95480 रुपये पर। इससे पहले सोना 19 अप्रैल को 73596 रुपये पर पहुंचा था।
ईरान के राष्ट्रपति के निधन की खबर के बाद मध्य-पूर्व क्षेत्र में राजनीतिक अनिश्चितता की आशंका प्रबल हो गई है। इससे सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सोने की कीमतें आम तौर पर बढ़ती हैं, क्योंकि निवेशक सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने को प्राथमिकता देते हैं। सोने-चांदी के अलावा कच्चे तेल की कीमतों में भी उछाल आया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड एक फीसदी बढ़कर 2,438.44 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि कारोबारी सत्र की शुरुआत में यह 2,449.89 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। इसके पहले सोने की रिकॉर्ड ऊपरी स्तर अप्रैल में बना था। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स भी 1.1 फीसदी बढ़कर 2,442.60 डॉलर पर पहुंच गया। वहीं, राजधानी दिल्ली में सोने का भाव 74,411 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया। चांदी भी 93,215 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई।
उछाल की एक वजह यह भी
सोने की कीमतों में उछाल की एक और वजह अमेरिका में मुद्रास्फीति में नरमी है। इससे उम्मीदें बढ़ गई हैं कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जल्द ही अपनी ब्याज दर में कटौती कर सकता है। पिछले बुधवार को अमेरिका में मंहगाई के अप्रैल के आंकड़े जारी हुए थे। ये आंकड़े अनुमान के मुकाबले बेहतर रहे हैं। यही वजह रहा कि सोने की कीमतों में तेजी दिखी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से सितंबर में दरों में कटौकी की उम्मीद की वजह से निवेशक सोने पर दांव लगा रहे हैं।
और तेजी की संभावना
विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान में हुई घटना के बाद यदि मध्य-पूर्व एशिया में राजनीतिक अनिश्चिचता और तनाव में बढ़ोतरी होती है तो सोने की कीमतों में भी तेज उछाल देखने को मिल सकता है। वहीं, ईरान के तेल उत्पादन में कोई भी व्यवधान कच्चे तेल की कीमतों पर प्रभाव डालेगा।