मुंह पर बात और घातक दिमाग का इस्तेमाल करने वाला चीन (China) भले ही, चाहे जितना गरज ले, लेकिन अब भारत (India) उससे पीछे हटने को तैयार नहीं है. अपनी शर्तों को मनवाने के लिए ड्रैगन किस हद तक कोशिश कर सकता है, ये पूरी दुनिया देख चुकी है, लेकिन अब भारत ने फिर से चीन को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि, उसके आंतरिक मामलों में चीन किसी भी तरह की दखलअंदाजी न करे तो अच्छा होगा. दरअसल बीजिंग लगातार लद्दाख (Ladakh) और अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) को लेकर आए दिन अलग-अलग तरह की बयानबाजी कर रहा है. जिसके चलते भारत ने सीधा चीन से नाराजगी जताई है और विदेश मंत्रालय (Ministry of external affairs) ने ड्रैगन को उसी की भाषा में स्पष्ट जवाब दिया है.
भारत का अहम हिस्सा है लद्दाख और जम्मू-कश्मीर
दरअसल हाल ही में भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि, ‘जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) और लद्दाख ये भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे. इसलिए हमारे आंतरिक मसलों में किसी और को बयान देने या फिर किसी भी तरह की टिप्पणी करने का हक नहीं है’. यही नहीं मंत्रालय ने सीधा बीजिंग को ये सलाह दे दी है कि अगर दूसरे देश भी ऐसा चाहते हैं कि कोई उनके आंतरिक मामलों में न बोले तो वो भी इस बात को ध्यान में रखें और हमारे मामलों में बोलने से बचें.
कई बार अरूणाचल प्रदेश से चीन को कराया रूबरू
इसके साथ ही नई दिल्ली ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर फिर से अपना फैसला साफ किया है कि, ‘अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अहम और अविभाज्य हिस्सा है. इस बात से कई दफा चीन को रूबरू करवाया भी गया है, यहां तक कि उच्च स्तर की हुई मीटिंग में भी ये बातें स्पष्ट हो चुकी हैं’. आपको याद दिला दें कि सीमा पर चल रही खिंचातनी के बीच कुछ दिनों पहले ही चीन की ओर से ये बयान दिया गया था कि वो लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्से के तौर पर नहीं मानता है. ये बयान उस दौरान ड्रैगन की ओर से दिया गया था जब भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से इन इलाकों में पुलों का उद्घाटन किया गया था. आपको बता दें कि इस दौरान रक्षा मंत्री ने 7 केंद्र शासित प्रदेशों समेत राज्यों में कुल 44 पुलों का उद्घाटन किया था, इसमें से कई पुल चीन की सीमा पर हैं. जिसे लेकर चीन बुरी तरह से बौखला गया है और लगातार भारत के आंतरिक मसलों में बयान दे रहा है.