अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram mandir) के भूमि पूजन और शिलान्यास होने के बाद से ही मस्जिद बनने को लेकर कयास तेज हो गए हैं. हर दिन मस्जिद से जुड़ी एक नई खबर सामने आ रही है. जिसे लेकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ( sunni central waqf boar) ने अपना बयान जारी किया है. दरअसल अयोध्या में मुस्लिम समुदाय को मस्जिद के लिए जमीन दी गई है. जिस पर लगातार बाबरी मस्जिद के बनने की बात सामने आ रही थी. लेकिन खबरों की माने तो उस जगह पर बनने वाली मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद नहीं होगा. भूमि पूजने के बाद मस्जिद के नींव रखने की बात कही जा रही थी. जिसमें सीएम योगी को भी आमंत्रित करने से जुड़ी कई खबरें सामने आ रही थीं.
फिलहाल इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रवक्ता की ओर से जारी किए गए बयान में बताया गया है कि मस्जिद निर्माण में शिलान्यास जैसे आयोजन की इस्लाम में अनुमति नहीं है. इसलिए सिर्फ नींव खोद कर ही मस्जिद की शुरुआत की जाती है. आगे बात करते हुए उन्होंने ये भी कहा कि जब इस जमीन पर किसी अस्पताल या फिर ट्रस्ट के भवन की नींव रखी जाएगी उस वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को जरूर आमंत्रित किया जाएगा. आपको याद दिला दें कि एक निजी चैनल के साथ हुए इंटरव्यू में जब सीएम योगी से ये सवाल किया गया था कि क्या वो मस्जिद के शिलान्यास के कार्यक्रम में जाएंगे? तो इस सवाल का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा था कि न उन्हें कार्यक्रम में कोई बुलाएगा और न ही वो जाएंगे.
दरअसल बीते 2 दिनों से टीवी और सोशल मीडिया पर ये खबर लगातार चर्चाओं में बनी हुई थी कि अयोध्या के पास रौनाही के धन्नीपुर गांव में जिस मस्जिद (Masjid) का निर्माण होने वाला है उसका नाम बाबर (Babar) के ही नाम पर रखा जाएगा. हालांकि इस तरह के बयानों और खबरों को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से सिरे से खारिज कर दिया गया है साथ ही इसे एक मात्र अफवाह का नाम दिया गया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से हाल ही में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का निर्माण करवाया गया है. जो अयोध्या में मस्जिद के साथ ही अस्पताल, कम्युनिटी सेंटर और कम्युनिटी किचन बनाएगा. इसी के साथ ही यहां पर इस्लामिक मामलों से जुड़ा एक रिसर्च सेंटर का भी निर्माण करवाया जाएगा.