म्यांमार में तख्तापलट (Myanmar Military coup) के बाद से ही अमेरिका इसका लगातार विरोध कर रहा है. अब राष्ट्रपति जो बाइेडन (Joe Biden on Myanmar) ने म्यांमार को लेकर बड़ा कदम उठाया है और उसके सैन्य शासन के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. इस दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश में इसी महीने सैन्य तख्तापलट (Military Coup) के जरिए सेना ने सत्ता संभाली थी. बाइडेन ने कहा है कि वह एक कार्यकारी आदेश जारी कर रहे हैं, जिससे म्यांमार के जनरल अमेरिका (US on Myanmar) में एक अरब डॉलर की संपत्ति का उपयोग नहीं कर पाएंगे.
बाइडेन ने कहा कि और कई कदम भी उठाए जा रहे हैं. बाइडेन ने कहा कि सेना को सत्ता छोड़ देनी चाहिए और देश के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. म्यांमार में सेना ने सत्ता को अपने नियंत्रण में ले लिया है और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) समेत देश के अन्य शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया है. जिसके बाद से हजारों लोग सड़कों पर उतर विरोध प्रदर्शन (Protests in Myanmar) कर रहे हैं. सेना ने सत्ता संभालते ही आपातकाल लागू कर दिया था. फिर लोगों की आवाज दबाने के लिए सोशल मीडिया पर रोक लगाई. लेकिन तब भी लोग सड़कों पर उतर विरोध करते देखे गए.
क्या है लोगों की मांग?
सेना ने यहां बेशक कितनी भी पाबंदियां क्यों न लगा दी हों, लेकिन लोग प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए बुधवार को एक बार फिर तख्तापलट के खिलाफ सड़कों पर उतरे. इससे पहले लोगों ने मंगलवार को भी देश में प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि सत्ता निर्वाचित असैन्य सरकार को लौटाई जाए. साथ में उनकी मांग है कि निर्वाचित नेता आंग सान सू की (Myanmar news) और सत्ताधारी पार्टी के अन्य नेताओं को रिहा किया जाए. सेना (Myanmar news update) का कहना है कि आंग सान सू की की निर्वाचित असैन्य सरकार को हटाने का एक कारण यह था कि वह कथित व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रही.
दोबारा चुनाव कराएगी सेना
सेना ने घोषणा की है कि वह एक साल के लिए आपातकाल की स्थिति के तहत शासन करेगी और फिर चुनाव आयोजित करेगी जिसमें जीतने वाले सरकार का कार्यभार संभालेंगे. देश के दो बड़े शहरों नेपीता और और मंडाले में मंगलवार को भी लोगों ने प्रदर्शन किया था, जहां भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें की गईं (Myanmar news what happened) और हवा में गोलियां भी चलाई गईं. नेपीता में भीड़ पर रबर की गोलियां चलाए जाने की खबरें सामने आई थीं. यंगून और मंडाले के कुछ इलाकों के लिए सोमवार को एक आदेश जारी करके रैलियों और पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर रोक लगा दी गई थी. साथ में रात आठ बजे से सुबह चार बजे तक कर्फ्यू भी लगा दिया गया था.