भारत (India) और अमेरिका (America) के रिश्तों (Relations) में हाल के कुछ दशकों में काफी सुधार देखने को मिला है. वैश्विक मंचों पर दोनों ही मुल्क एक-दूसरे की तारीफ करते हुए नजर आते हैं. वहीं, नई दिल्ली (New Delhi) और वाशिंगटन (Washington) के शीर्ष नेता भी एक-दूसरे संग मुलाकात करते रहते हैं. दोस्ती की इस कड़ी में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के प्रशासन (Administration) ने हिंद प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific region) में अपना सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी बताया है. साथ ही कहा है कि वह भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति (leading global power) के रूप में उदय और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करता है.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस (Ned Price) ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, भारत, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का एक अहम साझेदार है. हम भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रूप में उदय और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करते हैं. इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) से मंगलवार को बातचीत की थी और दोनों नेताओं ने म्यांमार के हालात पर तथा साझा चिंताओं वाले अन्य मुद्दों पर चर्चा की. ब्लिंकन ने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट पर चिंता जताई और कानून के शासन तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व पर भी चर्चा की.
क्वाड के जरिए जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटेंगे भारत-अमेरिका ब्लिंकन और जयशंकर ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और अमेरिका के सहयोग के महत्व सहित क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया. प्राइस ने कहा, दोनों पक्षों ने ‘क्वाड’ (Quad) के जरिए क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने तथा कोविड-19 महामारी और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने की उम्मीद जताई. प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका और भारत की ‘समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी’ व्यापक होने के साथ-साथ बहुआयामी भी है. उन्होंने कहा कि हम अपने सरकार के उच्चतम स्तर तक जाकर कई मोर्चों पर दोनों देशों के सहयोग को गहरा करेंगे. हमें इस बात का पूरा विश्वास है कि हमारी साझेदारी के मजबूत परिणाम निकलेंगे.