भारतीय रेलवे यात्रियों को बहुत जल्द एक बड़ी सौगात देने जा रहा है। इससे यात्रियों को कम किराए में आरामदेह सफर की सुविधा मिल सकेगी। रेलवे ने अपने नए इकोनॉमी एसी 3-टियर कोच का 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रायल पूरा कर लिया है। मार्च महीने के अंत तक 50 नए इकोनॉमी एसी 3-टियर कोच भारतीय रेलवे को मिल जाएंगे। वहीं मार्च 2022 तक 198 कोच भी बनकर तैयार हो जाएंगे। ये नए कोच कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में बनाए जा रहे हैं। नियमित 3 एसी कोचों की तुलना में इनका किराया कम रहेगा।
आरसीएफ के महाप्रबंधक रवींद्र गुप्ता ने कहा कि नागदा कोटा और सवाई माधोपुर खंड पर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से कोच का सफल परीक्षण हुआ है। आरसीएफ ने 10 फरवरी को पहली प्रोटोटाइप इकनॉमी क्लास वातानुकूलित थ्री टियर कोच को तैयार कर परीक्षण के लिए अनुसंधान विकास और मानक संगठन को सौंप दिया था। परीक्षण के बाद आरडीएसओ ने इसे सफल पाया है। आरसीएफ को 248 कोच तैयार करने हैं। मार्च के अंत तक 50 नए कोच तैयार कर लेंगे। 2022 मार्च तक सभी कोच तैयार हो जाएंगे। इन सभी नए कोच को सुपर फास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों में लगाया जाएगा।
नए एसी थ्री कोच में मिलेंगी ये सुविधाएं
इन नए कोच की डिजाइन में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। नए कोच में बर्थ की संख्या बढ़ाकर 72 से 83 की गई है। यात्रियों को ज्यादा आराम और सुविधाएं मिलेगी। इन कोच की बर्थ हल्की और मजबूत होगी। नए कोच में हर बर्थ पर एसी डक भी होगा, जिससे हर यात्री अपने हिसाब से हवा ले सकेंगे। बर्थ के साथ रीडिंग लाइट मौजूद होगी। हर बर्थ पर लाइट और मोबाइल चार्जिंग प्वांइट भी दिए गए हैं।
बर्थ के डिजाइन में सुधार किया गया है, तो वहीं कोच के कलर पैटर्न में भी बदलाव किया गया है। इसमें दिव्यांगों के लिए चौड़े दरवाजे रखे गए हैं, ताकि व्हील चेयर को अंदर तक लाया जा सके। वहीं दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक टॉयलेट तैयार किय़ा गया है। इसके अलावा टायलेट के टैप को पैरों से चलाने की व्यवस्था रखी गई है ताकि स्वच्छता बरकरार रखी जा सके। वहीं बर्थ पर चढ़ने के लिए बेहतर सीढ़ियां बनाई गई हैं।
जनरल डिब्बों मे भी होगा एसी!
इकनॉमी एसी 3-टियर कोच लाने के बाद अब रेलवे अनारक्षित सेकेंड क्लास कोच को एयर कंडीशन बनाने की तैयारी कर रहा है। ये नए एसी जनरल सेकेंड क्लास कोच कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में ही बनाए जाएंगे। जानकारी के अनुसार, एसी जनरल सेकेंड क्लास कोच का डिजाइन फाइनल हो गया है। साल के अंत तक ये कोच पटरी पर उतर जाएंगे। इस समय जरनल सेकेंड क्लास कोच में करीब 100 यात्री बैठ सकते हैं, जिसे बनाने की लागत करीब 2.24 करोड़ रुपये आती है। नए जनरल सेकेंड क्लास कोच में पुराने से ज्यादा यात्री बैठ सकेंगे। इसमें यात्रियों के लिए ज्यादा सुविधाएं होगी। इन कोच को मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में लगाया जाएगा, जो 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक की स्पीड से चलेंगे। नॉन-एसी कोच 110 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से तेज नहीं चल सकते हैं।