मनुष्य पर नजर लगने के कई हानिकारक प्रभाव देखे जाते हैं जैसे सकारात्मक सोच नकारात्मक में बदल जाती है। इंसान ही नहीं नजर लगने के पीछे शायद, आत्मा का प्रभाव या फिर भूत-पिशाच के साए भी हो सकते हैं, जो कई मुसीबतों को आपके सामने खड़ा कर देते हैं।
जब किसी को नजर लग जाती है तो इन सामान्य लक्षणों के जरिए से पहचान सकते हैं। जैसे कि-
उल्टी हो जाना
पहले बच्चे की मां में दूध की समस्या होना
पालतू जानवरों की मौत
नजर लगते ही अचानक से बेचैनी-सी होने लगती है। लगता है जैसे सब कुछ गलत हो रहा है। कभी-कभी तो शादीशुदा जोड़ों में अविश्वास की दीवार खड़ी होने लगती है। शारीरिक परेशानी अलग से होती है और पेट में दर्द, चलते-चलते गिर जाना।
जब बच्चों को नजर लगती है तब वह बिना कारण के रोने लगते हैं, चुप कराने पर चुप होने का नाम नहीं लेते। उपाय : जब नई-नवेली दुल्हन की तरह आप अपने बच्चे की नजर उतार सकती हैं। थोड़ी सूखी लाल मिर्च, सरसों के बीज और कुछ सेंधा नमक लें। फिर बच्चे को दक्षिण दिशा की तरफ घुमाएं, उसके बाद विपरीत दक्षिण दिशा में दोबारा तीन बार घुमाएं। अब एक तवा या थाली लें जिसमें सब डाल दें।
समस्या तब होती है जब आप बेवजह सुस्त, चिड़चिड़े हो जाते हैं, जिस कारण न भूख लगती है न काम में मन।
उपाय : थोड़ा-सा सेंधा नमक अपने ऊपर से दक्षिण दिशा में फिर विपरीत दिशा में घुमा लें। अब इसे एक गिलास पानी में डाल दें। पुरानी परम्पराओं के अनुसार, नमक और पानी का मिलान होता है तब बुरी नजरें भी उसी में घुल जाती हैं और उसका असर खत्म होने लगता है।
अगर आप परिवार में किसी सदस्य को लम्बे समय तक रोगी पाएं तो समझ लें कि मामला गड़बड़ है।
उपाय : आपके आस-पास के समुद्र या तालाब या झील का पानी बोतल में लें। मंगलवार को सफेद कपड़े में पानी लेकर घर के कमरों में छिड़काव करें और अगर मंगलवार को न कर सकें तो शुक्रवार और पूॢणमा को भी चलेगा और अगर यह भी न हो सके तो कच्चे नारियल के छिलके घर में जला सकते हैं। इससे आप बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं।
कभी-कभी व्यापार में तन-मन-धन लगाने के बावजूद असफलता ही हाथ लगती है। इसका कारण भी नजर लगना हो सकता है।
उपाय : आम बात है कि लोग जब अपनी दुकान खोलते हैं या फिर गाड़ी चलाते हैं तो नींबू का गुच्छा लटका देते हैं। लेकिन छोटी-सी गलती कर देते हैं। इसमें पानी का इस्तेमाल नहीं करते हैं। जहां भी आप काम करें वहां पानी के गिलास में नींबू रखें। इससे आप नजरों से बच सकेंगे। भरे गिलास में एक ही नींबू रखें और शनिवार को नींबू बदलें।
परिवार में गर्भवती महिला से कई उम्मीदें रहती हैं। इसमें पड़ोसी भी शामिल हो जाते हैं जिससे महिला को बुरी नजरों का शिकार होना पड़ता है।
उपाय : आपके परिवार की गर्भवती महिला घर से बाहर निकले तो उनकी हिफाजत के लिए बस इतना करें कि उनके हाथों में नीम के पेड़ की तीन-चार पत्तियां थमा दें। जैसे ही वह घर लौटे, उन पत्तियों को जला दें।
नजर उतारने के उपाय :-
ऌजिस स्त्री या पुरुष पर आपको संदेह हो कि उसकी नजर लगी है तो उसका हाथ जिसे नजर लगी है उसके सिर पर फिरवा दें।
रविवार के दिन नजर लगे व्यक्ति के सिर से तीन बार दूध उतार कर मिट्टी के पात्र में भर दें और कुत्ते को पिला दें।
शनिवार को हनुमान जी के मंदिर से हनुमान जी के कंधों का सिंदूर लाकर नजर लगे व्यक्ति के मस्तक पर लगाना चाहिए।
राई के सात दाने, नमक की सात छोटी डलियां, सात साबुत लाल मिर्च नजर से पीड़ित के सिर के ऊपर से सात बार उतार कर जलती आग में डाल दें। इस क्रिया को करते समय किसी की टोक नहीं होनी चाहिए। ये समस्त कार्य बाएं हाथ से करने चाहिएं। आग के लिए लकड़ी देसी आम की होनी चाहिए।
नजर लगे व्यक्ति के ऊपर से फिटकरी उतारकर उसे बाएं हाथ से कूट लें और फिर उस चूर्ण को कुएं में डाल देना चाहिए।
लहसुन, बाक, राई, नमक, प्याज के छिलके एवं सूखी लाल मिर्च। यह सब नजर लगे बच्चे पर सात बार उतारकर अंगारों पर डाल दें। जलने पर बदबू न आए तो समझो नजर लगी थी।
दुकान को नजर लगी हो तो रविवार अथवा मंगलवार के दिन लाल मिर्चे धागे में पिरोएं और बीच में नींबू पिरो कर दुकान के प्रवेश द्वार पर माला की तरह बांध दें।
एक साबुत नींबू के ऊपर काली स्याही से 307 लिख दें और उस व्यक्ति के ऊपर उल्टी तरफ से 7 बार उतारें। इसके पश्चात उसी नींबू को चार भागों में इस प्रकार से काटें कि वे नीचे से जुड़े रहें और फिर उसी नींबू को घर से बाहर किसी निर्जन स्थान पर फैंक दें।
लाल मिर्च, अजवाइन और पीली सरसों को मिट्टी के एक छोटे बर्तन में आग लेकर जलाएं। फिर उसकी धूप नजर लगे बच्चे को दें। नजर ठीक हो जाएगी।
घर के पास पेड़ की जड़ में शाम को थोड़ा-सा कच्चा दूध डाल दें। फिर गुलाब की अगरबत्ती जलाएं। नजरदोष दूर हो जाएगा।
पुराने कपड़े की सात चिंदियों को लेकर सिर पर से 21 बार उतार कर आग में जलाने से बच्चे को लगी नजर समाप्त हो जाती है।
घर या व्यवसाय स्थल के प्रवेश द्वार पर मयूर का चित्र लगाने से नजर नहीं लगती।
जब बच्चे को काला टीका या काला धागा बांधा जाता है तो वह किसी भी प्रकार की ऊष्मा बुरी नजर को बच्चों में प्रवेश नहीं करने देता।