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शत्रुओं से परेशान हैं, तो अपनाएं ये तरीका

जीवन में कई उतार चढ़ाव आते हैं और ऐसे ही जीवन में हमारे कई दुश्‍मन होते हैं तो कई दोस्त भी बनते हैं. दोस्ती और दुश्मनी दोनों ही एक दूसरे के विपरित हैं. लेकिन देखा जाए तो जीवन में कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके दोस्त अधिक होते हैं और चारों तरफ उनकी प्रशंसा होती है. वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके दोस्त कम शत्रु अधिक होते हैं. वहीं कई बार आपके सामने आपके दोस्त ही असल में पीठ पीछे आपके दुश्मन होते हैं.

दुश्मनी की वजह कुछ भी हो, लेकिन इसके कारण आपको कई परेशानिया झेलनी पड़ती हैं. दुश्मन के कारण हर समय चिंता, डर और असुरक्षा सताती रहती है. ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे तरीका बता रहे हैं जिनके विषय में मान्यता है कि इन्हें अपनाने से दुश्मन कभी आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे.

शत्रुओं को शांत करने के उपाय

 

यदि आपका कोई दुश्‍मन आपको बेवजह परेशान कर रहा है तो उससे छुटकारा पाने के लिए एक भोजपत्र पर लाल चंदन से उस व्‍यक्‍ति का नाम लिखें. इस पत्र को शहद की डिब्‍बी में भिगोकर रख दें. आपका दुश्मन अपने आप शांत हो जाएगा.

 

: यदि कोई अपने दुश्‍मन को शांत करना चाहता है तो वह 38 दाने काली उड़द की दाल के और 40 चावल के दाने मिलाकर किसी गड्ढे में मिला दें. इसके ऊपर नीबू को निचोड़ दें. नीबू को निचोड़ते समय लगातार अपने दुश्मन का नाम लेते रहें. इस तरीका के असर से आपका दुश्मन शांत होगा और आपको कुछ भी अहित नहीं कर पाएगा.

 

यदि कोई आपके पीछे पड़ा हुआ है और कैसे भी आपका अहित करना चाहता है तो नियमित हनुमान जी को गुड़ या बूंदी का भोग लगाएं. इसके अतिरिक्त हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए हनुमान जी को लाल रंग का गुलाब का फूल चढ़ाएं और बजरंग बाण का पाठ करें.

 

: शुक्‍ल पक्ष के किसी भी बुधवार के दिन 5 गोमती चक्रों को अपने सिर के चारों ओर घुमाकर फेंक दें. इस टोटके के बाद आपके दुश्मन आपको नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगें. यह एक तांत्रिक टोटका है.

 

यदि आप अपने दुश्मन को वशीभूत करना चाहते हैं या किसी से अपनी शत्रुता को खत्‍म करना चाहते हैं तो छोटी इलायची, लाल चंदन, सिंदूर, कंगनी, ककड़सिंगी से धूप बनाएं. अब रोज़ इस धूप को अपने दुश्मन का नाम लेते हुए जलाएं. इस टोटके को करने के चंद दिनों के बाद ही आपको इसका प्रभाव दिखने लगेगा.

 

यदि आप अपने दुश्मन को सम्‍मोहित या वशीभूत करना चाहते हैं तो अपने गले में वैजयंती माला धारण करें. इस माला के इस्तेमाल से आप किसी को भी सम्‍मोहित कर सकते हैं. भगवान कृष्‍ण भी सदा वैजयंती माला पहने रहते थे. ये टोटका जरूर आपकी सहायता करने में पास रहेगा.

मोर पंख के फायदे

 

तो चलिए अब बात करते हैं भगवान श्री कृष्ण को अति प्रिय मोर पंख की पौराणिक काल में महर्षियों द्वारा इसी मोरपंख की कलम बनाकर बड़े-बड़े ग्रंथ लिखे गए हैं. वहीं घर मे मोर पंख का होना बहुत ही शुभ माना जाता है और इसके बहुत से फायदे भी हैं, आइये जानते हैं कि एक मोर पंख कितनी प्रकार की कठिनाई को हल कर सकता है.

 

: जब आदमी को पैसों की कमी हो रही होती है तो एक मोर पंख को अपनी जेब या पर्स में रखें और साथ ही जब भी इसे हाथ लगाएं तो माथे पर लगाते हुए श्रीकृष्ण को याद कर लें, ऐसा करने से पैसों की कमी नहीं होती.

: राहू गुनाह होने पर घर के बाहर उतर पूर्व की दिशा में मोर पंख को लगा दें और ऐसा करने से राहू का गुनाह दूर हो जाता है.

यदि आपके वैवाहिक जीवन में तनाव है तो अपने शयनकक्ष में मोरपंख रखें, इससे पति पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है.

यदि शत्रुता खत्म करनी हो या दुश्मन तंग कर रहे हों, तो मोरपंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिंदूर से उस दुश्मन का नाम मंगलवार या शनिवार रात्रि में लिखकर उसे घर के पूजा स्थल में रखें और प्रातः काल उठकर उसे चलते पानी मे प्रवाहित कर आएं.

: बुरी नजर से बच्चों को बचाने के लिए नवजात बालक को मोरपंख चांदी के ताबीज में पहनाएं.

: यदि मोर का पंख घर के पूर्वी और उत्तर-पश्चिम दीवार मे या अपनी जेब और डायरी में रखा हो तो राहू कभी भी परेशान नहीं करता है. मोरपंख की पूजा करें या हो सके तो उसे हमेशा अपने पास रखें. मोरपंख को घर में रखने से परिवार के सदस्यों की स्वास्थ्य भी अच्छी रहती है.

 

शत्रु मुक्ति : राशि के मुताबिक उपाय

 

मेष: आम तौर मेष राशि वालों के दुश्मन नहीं होते हैं. यदि इनके दुश्मन होते हैं तो इसकी वजह धन हो सकती है. शत्रुओं को कम करने के लिए धन के लेन-देन में पूरी लिखा-पढ़ी रखनी चाहिए, साथ ही बुधवार को गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें.

 

वृषभ: इनके स्वभाव और वाणी के कारण इनके दुश्मन बन जाते हैं, इनकी शत्रुता भी इनकी जिद के चलते बहुत लंबी चलती है. शत्रुता कम करने के लिए अपने क्रोध और जिद्दी स्वभाव का त्याग करें जिससे आपके दुश्मन कम होंगे.

 

मिथुन: राशि वाले क्रोधी होते हैं और तुनकमिजाजी होते हैं इसलिए शीघ्र ही इनकी शत्रुता हो जाती है. हालांकि इनकी शत्रुता शीघ्र ही समाप्त हो जाती है. शत्रुता ना हो इसके लिए तुरंत प्रतिक्रिया देने से बचें, मंगलवार को हनुमान जी के दर्शन जरूर करें.

 

कर्क: राशि वालों क बहुत गुप्त दुश्मन होते हैं लेकिन इनके व्यक्तित्व की वजह से दुश्मन इनका कुछ बिगाड़ नहीं पाते हैं. शत्रुता कम करने के लिए भावनाओं के चक्कर में पड़ने से बचें, हर गुरुवार को पीला तिलक लगाएं.

 

सिंह: राशि के दुश्मन बहुत शक्तिशाली होते हैं. इनकी शत्रुता और मित्रता दोनों ही भारी होती हैं. इन्हें हर बात को गंभीर होने से बचना चाहिए. साथ ही साथ पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के ऑयल का एक दीपक भी जलाना चाहिए.

 

कन्या: कन्या राशि वाले शीघ्र अपने दुश्मन नहीं बनने देते हैं. ये अपनी बुद्धिमानी से शत्रुओं को नियंत्रित कर लेते हैं. इन्हें अपने शत्रुओं से बचने के लिए संतुलित व्यवहार करना चाहिए.शनिवार के दिन नीले रंग के कपड़ा पहनना प्रारम्भ कर दें.

तुला: आम तौर पर तुला राशि वाले दुश्मन नहीं बनाते हैं इन्हें शत्रुओं की बहुत परवाह भी नहीं होती है तुला राशि वालों को हमेशा शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए खासकर केस यदि प्रेम का हो तो इनके गुप्त दुश्मन हो जाते हैं हर गुरुवार को पीले रंग का फूल अर्पित कीजिए ऐसा करने से आपके विरोधी शांत हो जाएंगे

 

वृश्चिक: इनके बहुत गुप्त दुश्मन होते हैं इनकी बदला लेने की आदत होती है क्रोध पर काबू रखें तुरंत किसी बात पर प्रतिक्रिया देने से बचें दुश्मनों को शांत रखने के लिए मंगलवार को हनुमान भगवान की पूजा करें

 

धनु: इस राशि के लोग हमेशा झगड़े करके स्वयं ही अपनी दुश्मन बनाते रहते हैं. झगड़े से बचें. शिवलिंग पर सफेद फूल अर्पित करिए, दुश्मन और विरोधी शांत होंगे.

 

मकर: इस राशि वालों के ना बहुत अधिक दुश्मन होते हैं और ना ही बहुत मित्र होते हैं. यदि दुश्मन होते हैं तो ये बुद्धिमानी से परास्त कर देते हैं. आपको बहुत अधिक पॉलिटिक्स करने से बचना चाहिए. हर बुधवार को कृष्णजी को तुलसी दल अर्पित करें.

 

कुंभ: इस राशि के दुश्मन कम होते हैं लेकिन जो होते हैं बहुत ताकतवर होते हैं. करीब के लोग अधिक नुकसान पहुंचाते हैं इनसे सावधान रहें. सोमवार को भगवान शिव को जल अर्पित करने से सभी दुश्मन परास्त होंगे.

 

मीन: मीन राशि के लोग शत्रुता और मित्रता दोनों बहुत नहीं निभा पाते हैं. दुश्मन आपके मित्र बने रहें और मित्र आपके दुश्मन ना बनें इसके लिए दोनों ही बहुत शक्तिशाली होते हैं. आप हनुमान जी या काल भैरव की पूजा करें.