सोशल मीडिया में एक खबर में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार बेरोजगारों को प्रति माह 3800 रुपये तक का बेरोजगारी भत्ता प्रदान कर रही है. सरकार की तरफ से इस खबर को फर्जी बताया गया है क्योंकि सरकार की ओर से ऐसा कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
सरकारी संस्था प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने इस खबर का फैक्ट चेक किया है. फैक्ट चेक में बताया गया है कि सोशल मीडिया में किया जा रहा दावा फर्जी है. केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है.
खबर में कहा गया है कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता वर्ष 2021 में 18 से 50 साल के लोगों को 3800 तक बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है. खबर के मुताबिक, अभी रजिस्ट्रेशन कर हर महीने 3800 रुपये पाने का अवसर पा सकते हैं. खबर में आवेदन की अंतिम तारीख 25 जनवरी बताई गई थी. अब यह तारीख निकल चुकी है. आवेदन करने के लिए एक लिंक भी दिया गया है.
18 से 25 साल के बेरोजगारों को 1500, 26 से 30 साल के बरोजगारों के लिए 2 हजार, 31 से 35 साल के बेरोजगारों के लिए 3 हजार, 36 से 45 साल के बेरोजगारों के लिए 3500 और 46 से 50 साल के बेरोजगारों को 3800 रुपये दिए जाने का दावा किया गया है. खबर में इस भत्ते को कोरोना महामारी राहत बताया गया है.
क्या है खबर
ऐसी कई फर्जी खबरें इंटरनेट पर चल रही हैं जिसमें बेरोजगारी भत्ता के बारे में बताया जा रहा है. इन खबरों के मुताबिक, देश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को लाभ देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना शुरू की है. देश के जो युवा शिक्षित हैं लेकिन उनके पास कोई रोजगार नहीं है, उन युवाओं को 2 हजार से 2500 रुपये तक की धनराशि बेरोजगारी भत्ता के रूप में दिया जाता है. देश के 20 करोड़ युवाओं को इस योजना की लाभ पहुंचाने की योजना है. सच्चाई यह है कि इस प्रकार की कोई भी योजना अभी तक केंद्र सरकार की ओर से शुरू नहीं की गई है और प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता योजना को लेकर बहुत सी झूठी मनगढ़ंत भ्रामक अफवाहें फैलाई जा रही हैं.
हालांकि राज्य सरकारें अपने स्तर पर शिक्षित बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देती हैं. बिहार, यूपी और राजस्थान सहित कई राज्यों में बेरोजगार युवाओं को भत्ता दिया जाता है. इसके लिए सरकार की तरफ से निर्देश जारी किए गए हैं और ऑनलाइन एप्लिकेशन का तरीका बताया गया है.