कांग्रेस सांसद संतोख सिंह चौधरी का रविवार को जलंधर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव धालीवाल में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. दो बार सांसद रहे 76 वर्षीय संतोख सिंह चौधरी का शनिवार को पंजाब के फिल्लौर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. उनके निधन के बाद यात्रा को 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया था.
संतोख सिंह चौधरी पदयात्रा में भाग लेते वक्त बेहोश हो गए थे. उन्हें फगवाड़ा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया था जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अंत्येष्टि स्थल पर चौधरी को अंतिम विदाई दी. उन्होंने संतोख सिंह चौधरी को परिश्रमी नेता और पार्टी का मजबूत स्तंभ बताया.
पक्ष-विपक्ष के नेता रहे मौजूद
कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, सांसद मोहम्मद सादिक समेत पार्टी के नेताओं और जिला प्रशासन तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस मौके पर मौजूद थे.
बेटे विधायक विक्रमजीत सिंह ने दी मुखाग्नि
रविवार सुबह कांग्रेस समर्थकों समेत सैकड़ों लोगों ने संतोख सिंह चौधरी को जलंधर में उनके आवास पर अंतिम विदाई दी, जहां उनकी पार्थिव देह रखी हुई थी. बाद में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव धालीवाल ले जाया गया. उनके बेटे विक्रमजीत सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी.
समृद्ध राजनीतिक विरासत वाला परिवार
दोआब क्षेत्र के प्रमुख दलित नेता चौधरी एक समृद्ध राजनीतिक विरासत वाले परिवार से ताल्लुक रखते थे. उनके पिता मास्टर गुरबंत सिंह सात बार विधायक और पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री भी रहे. संतोख सिंह चौधरी के बड़े भाई चौधरी जगजीत सिंह पांच बार विधायक और स्थानीय निकाय मंत्री रहे. विक्रमजीत सिंह भी फिल्लौर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक हैं.
विभिन्न दलों के नेताओं ने निधन पर जताया शोक
संतोख सिंह चौधरी 2014 और 2019 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए. वह तीन बार विधायक और 1992 तथा 2002 में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने चौधरी के निधन पर शोक जताया है.