कोरोना का कहर अब बड़े शहरों से छोटे शहरों और गांव की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. यूपी के देवरिया जिले के एक गांव में कुछ ऐसे ही डराने वाला मामला सामने आया है. जहां पिछले सात दिनों में एक ही गांव से 12 लोगों के मरने की खबर है. लगातार हो रही मौतों के बाद से गांव में दहशत का माहौल है. रुद्रपुर तहसील क्षेत्र के कोडर बैदा गांव के लोग इन मौतों की वजह से दहशत के साये में जीने को मजबूर हैं. दुखद बात यह है कि सूचना के बाद भी मेडिकल टीम अब तक गांव नहीं पहुंची है.
प्रदेश के कई गांवों में पिछले तीन सप्ताह से मौत का सिलसिला चल रहा है. अनेक मामलों में कारण कोरोना नहीं माना जा रहा है, मगर मौत की यह रफ्तार डरा रही है. कुछ ऐसे ही हालात रायबरेली के सुल्तानपुर खेड़ा गांव की है. सुल्तानपुर खेड़ा गांव में कोरोना जैसे लक्षणों के चलते एक हफ्ते में एक या दो नहीं, बल्कि 17 लोगों ने दम तोड़ दिया है. अधिकारी मौन हैं, ना ही उनकी टेस्टिंग हुई और ना ही सही इलाज मिल पाया. खास बात है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी यहां से सांसद हैं और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा यहां के प्रभारी मंत्री हैं.
रायबरेली के छोटे से गांव सुल्तानपुर खेड़ा, जिसकी आबादी 2000 लोगों की है, यहां लगभग 500 परिवार रहते हैं. बीते कुछ दिनों से हर तरफ मौत का मंजर दिखाई दे रहा है. हर घर में आंसू और मातम पसरा हुआ है. बीते दिनों में यहां पर 17 मौतें हो चुकी है, लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार यह गांव आज भी अपने किसी भगवान रूपी नेता का इंतजार कर रहा है. गांव में कोरोना लक्षण जैसे जुकाम और बुखार से इंफेक्शन की शुरुआत होती है और सांस लेने में तकलीफ के बाद मौत हो जाती है. गांव में दहशत का माहौल है. 17 मौतें होने के बावजूद जिला प्रशासन ने किसी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया है. ना कोई टीम गांव पहुंची है, ना सैनिटाइजेशन हुआ है, ना फागिंग और ना ही साफ सफाई का काम हुआ है.