बिहार के वैशाली (Vaishali) में झोलाछाप डॉक्टर पर नर्सिंग होम में गर्भवती महिला का गर्भपात कराकर उसके भ्रूण को कुत्ते को खिलाने का आरोप लगा है. कुछ दिन बाद महिला की भी मौत हो गई. इस मामले पर परिजनों ने थाने में एफआईआर (FIR) दर्ज कराई है. लेकिन, डॉक्टर दंपती क्लीनिक छोड़कर फरार हैं. खबर वैशाली के बलिगांव थाना क्षेत्र से जहां तीन महीने की गर्भवती महिला का एक माह तक इलाज चलने के बाद मौत मामले में पीड़ित परिजनों ने आरोपी डॉक्टर दंपत्ति पर केस दर्ज कराया है, जिसकी जांच पुलिस ने तेज कर दी है.
हालांकि, मामले की जांच कर रही महुआ एसडीपीओ (SDPO) ने महिला के भ्रूण को कुत्तों को खिलाने के आरोप को गलत बताया है. मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है. दरअसल बलिगांव थाना क्षेत्र के चम्पापुर अग्रेल गांव निवासी छट्ठू चौधरी ने 31 दिसंबर को बलिगांव थाना में एक केस दर्ज कराया, जिसमे उसने आरोप लगाया कि उनकी बेटी प्रियंका कुमारी को पहले से तीन लड़की थी. फिर से वह गर्भवती थी जिस कारण वह अपने मायके में ही रह रही थी.
डॉक्टर दंपत्ति ने कही थी ऑपरेशन करने की बात
इसी बीच 1 दिसम्बर को उसके पेट मे दर्द शुरू हुआ जिन्हें लेकर गांव के ही चिकित्सक आनंद कुमार और उनकी पत्नी सुषमा आनंद के यहां लेकर गए, जहां डॉक्टर दम्पति ने उनकी बेटी को देखा और दवा देकर भेज दिया. लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ बल्कि दर्द और बढ़ गया जिसके बाद कल होकर घरवाले फिर से प्रियंका को लेकर डॉक्टर दम्पति के पास पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने बताया कि प्रियंका को गर्भपात वाली दवा दी थी और बच्चा पेट मे ही मर गया है. इसलिए उसका ऑपरेशन करना पड़ेगा जिसे सुनकर प्रियंका को लेकर परिजन पटना या हाजीपुर जाना चाहते थे.
‘डॉक्टर दम्पति ने भ्रूण ले जाने से मना कर दिया’
डॉक्टर दम्पति ने कहा कि कही ले जाने की जरूरत नहीं है यही पर बच्चा भी निकल जायेगा और प्रियंका भी ठीक हो जाएगी. बताया जा रहा है कि इसके बाद 2 जनवरी को दोनों डक्टरों ने अपने क्लिनिक में ही उसका ऑपरेशन कर भ्रूण को काट-काट कर बाहर निकाला और एक बाल्टी में रख दिया जिसे प्रियंका के परिजन ले जाना चाहते थे. लेकिन, डॉक्टर दम्पति ने भ्रूण ले जाने से मना कर दिया और घरवालों के सामने ही भ्रूण को अपने पालतू कुत्ते को खाने के लिए दे दिया, जिसके बाद से लगातार इलाज होता रहा और प्रियंका की तबियत बिगड़ती चली गई.
डॉक्टर दंपत्ति पर इलाज में लापरवाही का आरोप
इस बीच डॉक्टर दम्पति प्रियंका ओर उसके परिजनों को लेकर पटना गए फिर एक निजी क्लिनिक में ले गए जहां भी उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ तो दोनो पति पत्नी ने बीमार प्रियंका को पटना एम्स में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान ही 30 दिसम्बर को उसकी मौत हो गई. मृतका के पिता ने डॉक्टर दम्पति पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है जिसकी जांच पुलिस कर रही है. हालांकि महुआ एसडीपीओ पूनम केसरीं ने बताया कि मृतका के परिजनों ने जो आरोप लगाया है उससे सम्बंधित कोई साक्ष्य अबतक नहीं दिया है और सिर्फ मौखिक आरोप लगाया है. लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की गहनता से जांच की जा रही है.