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खजांची ने रथ यात्रा को दिखाया झंडा, अखिलेश ने BJP पर साधा निशाना तो सपा के लिए ऐसे मांगा समर्थन

उत्तर प्रदेश मंगलवार को दो रथयात्रा एक साथ निकाली गयी। मथुरा से शिवपाल सिंह यादव की रथयात्रा तो कानपुर से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की रथयात्रा निकाली गयी। विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों में सियासी गतिविधि तेज हो गयी है। सामजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव 2022 के लिए चुनावी बिगूल कानपुर से फूंक दिया। उन्होंने जाजमऊ गंगा पुल से विजय रथ यात्रा की मंगलवार की दोपहर शुरुआत कर दी। नोटबंदी के समय कानपुर देहात के झींझक में जन्मे खजांची ने विजय रथ यात्रा को पार्टी का झंडा दिखाकर रवाना कराया। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने रथ पर सवार होने के बाद हाथ हिलाते हुए सभी का अभिनंदन किया तो कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ उपस्थित रही।

इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि नेता जी मुलायम सिंह के आशीर्वाद से विजय रथ यात्रा की शुरुआत हो रही है। जनता का सहयोग और समर्थन लेने के लिए हम निकले हैं। उन्होंने कहा कि आपका सहयोग और समर्थन चाहिए। उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश को धोखा मिला है। यह गंगा-जमुना के बीच का इलाका है। जहां सबसे ज्यादा खुशहाली होनी चाहिए थी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि यह प्रदेश हमारा किसानों का प्रदेश है लेकिन किसानों पर अत्याचार हो रहा है। उनसे कहा गया है आय दोगुनी होगी लेकिन उनकी आय छीन ली गई। आज धान खड़ा हुआ है लेकिन उस की पैदावार की कीमत नहीं मिल रही। किसानों को गाड़ियों से कुचल दिया गया उनकी जान ले ली गई।

अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में जब सपा की विजय यात्रा निकाली है, तब तब प्रदेश में परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि रथयात्रा के माध्यम से किसानों, बुजुर्गों का आशीर्वाद लेंगे। सपा प्रमुख ने कहा कि लखीमपुर में किसानों के साथ कानून को भी कुचला गया है। उनका प्रतिनिधिमंडल लखीमपुर पीड़ित परिवारों से मिलने गया है। उन्होंने कहा कि कानपुर यूपी का औद्योगिक शहर है, यहां पर सरकार ने उद्योगों को ठप कर दिया है। इसलिए यात्रा की शुरुआत कानपुर से की गई है।

नोटबंदी के दौरान बैंक की लाइन में पैदा हुआ था ‘खजांची’

कानपुर देहात की एक महिला ने नोटबंदी के दौरान बैंक की लाइन में एक बच्चे को जन्म दिया था। 2 दिसंबर 2016 को जन्मे इस बच्चे का नाम उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खजांची रखा था।