योगी सरकार अब असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा का कवच देने जा रही है। इस बीमा कवच से दुर्घटना रूपी अनहोनी से मजदूरों और उनके आश्रितों की सुरक्षा करेगा। इसके लिए अगले वित्तीय वर्ष के बजट में यूपी सरकार मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना की घोष्णा कर सकती है। मजदूरों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के जरिए स्वास्थ्य सुरक्षा भी मुहैया कराने की तैयारी चल रही है। यहां तक कि अगले वित्तीय वर्ष में सूबे के एक करोड़ असंगठित मजदूरों को इन दोनों योजनाओं के दायरे में लाने की तैयारी चल रही है।
मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा स्कीम के तहत पंजीकृत श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु, पूर्ण दिव्यांगता, दोनों हाथ, दोनों पैर, दोनों आंखों या एक हाथ व एक पैर की क्षति होने पर दो लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी। एक हाथ या एक पैर या एक आंख की क्षति या 50 प्रतिशत से ज्यादा स्थायी दिव्यांगता पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। 25 से 50 प्रतिशत के बीच स्थायी दिव्यांगता होने पर 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार बीमा कंपनी को हर साल 12 रुपये प्रति श्रमिक की दर से प्रीमियम वहन करेगी।
योगी सरकार आयुष्मान योजना से छूटे पात्र लाभार्थियों के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना चलने जा रही है। इस स्कीम का लाभ असंगठित क्षेत्र के रेजिस्टर्ड मजदूरों को देने का मकसद है। रेजिस्टर्ड मजदूर को गंभीर बीमारी व कार्य के दौरान चोट लगने की स्थिति में 10,000 रुपये से पांच लाख रुपये तक की चिकित्सा सुविधा दी जाएगी।
दोनों योजनाओं का फायदा लेने के लिए असंगठित क्षेत्र के श्रमिक का उप्र राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा। मजदूरों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए सामाजिक सुरक्षा बोर्ड पोर्टल भी तैयार करा रहा है।