सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर अगले साल जनवरी के आखिर तक केंद्र सरकार किसानों से संबंधित मुद्दों पर उनकी मांगों को पूरा नहीं करते हैं तो वो भूख हड़ताल पर चले जाएंगे और कहा कि यह हड़ताल उनका “अंतिम विरोध” होगी। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में अपने रालेगाँव सिद्धि गाँव में बात करते हुए, अन्ना हजारे ने कहा कि पिछले तीन सालों से खेती करने वालों के लिए विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन सरकार ने मुद्दों को हल करने के लिए कुछ नहीं किया है।
83 साल के अन्ना हजारे ने कहा, “सरकार सिर्फ खाली वादे दे रही है, जिसके कारण मुझे सरकार में कोई भरोसा नहीं बचा है … आइए देखते हैं, केंद्र मेरी मांगों पर क्या कार्रवाई करती है। उन्होंने एक महीने का समय मांगा है, इसलिए मैंने उन्हें जनवरी-अंत तक का समय दिया है। अगर मेरी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो मैं अपनी भूख हड़ताल फिर से शुरू करूंगा। यह मेरा आखिरी विरोध होगा।”
14 दिसंबर को, हजारे ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भूख हड़ताल की चेतावनी के लिए एक पत्र लिखा था , जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि एमएस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने और कृषि लागत और मूल्य आयोग (COSP) को स्वायत्तता प्रदान करने जैसी उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया गया तो वो भूख हड़ताल पर चले जाएंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने हाल ही में हजारे से मुलाकात कर उन्हें केंद्र द्वारा पेश किए गए तीन कृषि कानूनों की जानकारी दी थी। बता दें कि कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन मेंभी अन्ना हजारे ने 8 दिसंबर को उपवास रखा था।