हरियाणा में बीते तीन साल में पराली जलाने के मामले में किसानों के खिलाफ 3 हजार केस दर्ज हुए हैं. वहीं किसानों के खिलाफ पेनाल्टी भी लगाई गई है. इन तीन वर्षों में कृषि विभाग ने 2 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वसूल की है. हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने विधानसभा में पूछे गए एक प्रश्व के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.
आईएनएलडी के विधायक अभय सिंह चौटाला ने राज्य में पिछले तीन वर्षों के दौरान किसानों के खिलाफ पराली जलाने के मामले में दर्ज मामलों की वर्षवार और जिलेवार संख्या के साथ जुर्माना लगाने और इन मामलों में गिरफ्तार किए गए किसानों की संख्या की जानकारी मांगी थी.
2020 में वसूला गया सबसे अधिक जुर्माना
इसी का जवाब देते हुए हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि 2019 में पराली जलाने वालों पर 37 लाख रुपए से अधिक, 2020 में एक करोड़ रुपए से अधिक और 2021 में 82 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया था. जबकि 2019 में 397 किसानों को गिरफ्तार किया गया था, 2020 में 339 को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 2021 में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई.
अगर जिलेवार रिपोर्ट देखें तो 2019 में जींद में सबसे अधिक 515 और उसके बाद करनाल में 438 और फतेहाबाद 431 शिकायतें/मामले दर्ज किए गए, जबकि वर्ष 2020 में जींद के लिए यह आंकड़ा 439 था, जिसमें वर्ष में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए. हालांकि 2021 में राज्य भर में दर्ज मामलों की संख्या 2019 के कुल 1975 के मुकाबले घटकर 100 हो गई, जिसमें अधिकतम 82 करनाल जिले से थे. मंत्री ने कहा कि 2021 में किसी किसान को गिरफ्तार नहीं किया गया.
किसान आंदोलन के दौरान दर्ज हुए 276 केस
वहीं एक साल से अधिक चले किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा में कुल 276 केस दर्ज हुए. इनमें से 178 केस में चार्जशीट तैयार कर ली गई है और 4 केस अति गंभीर प्रकृति के हैं. कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसान दिल्ली बॉर्डर से आंदोलन खत्म नहीं कर रहे थे. उन्होंने आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामलों को वापस लेने की मांग की थी. सरकार से सहमति मिलने के बाद वे वापस लौटे. हरियाणा सरकार किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया में लगी हुई है.