Protests in Sudan Over Coup: सूडान में अक्टूबर में हुए तख्तापलट और उसके बाद के नाटकीय घटनाक्रम के खिलाफ शनिवार को राजधानी खार्तूम समेत देश के अन्य इलाकों में कड़ी सुरक्षा के बीच लोगों ने प्रदर्शन किया. सेना की ओर से किए गए तख्तापलट के बाद एक समझौते के तहत प्रधानमंत्री (Sudan PM) को बहाल कर दिया गया है, लेकिन देश के लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को दरकिनार कर दिया गया है. सूडान की सरकारी समाचार एजेंसी सुना ने इस बात की जानकारी दी है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पूरे शहर में सैनिकों को तैनात किया गया है, जबकि नील नदी पर लगभग सभी पुलों को बंद कर दिया गया, जो राजधानी खार्तूम को ओमदुरमन और बरहरी जिले से जोड़ते हैं. इसके बावजूद सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन किया (Political Turmoil in Sudan). अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को मध्य खार्तूम में स्थित प्रमुख सरकारी भवनों और संस्थानों जैसे ‘संप्रभु और रणनीतिक’ स्थलों के पास जाने को लेकर चेतावनी दी है. प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि वे राष्ट्रपति भवन की ओर जाएंगे.
खार्तूम की सुरक्षा समिति क्या बोली?
खार्तूम की सुरक्षा समिति ने कहा कि सूडान के सुरक्षाकर्मी ‘हिंसा और अफरा-तफरी’ की इस स्थिति से निपट लेंगे. राजधानी खार्तूम के विभिन्न इलाकों से प्रदर्शनकारी एक जगह पर एकत्र होकर राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च करेंगे. इसके अलावा वाड मदानी और अतबारा जैसे अन्य शहरों में भी लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. पिछले सप्ताहांत में, सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को हिंसक रूप से तितर-बितर कर दिया था, जब वे राष्ट्रपति भवन के पास धरना देने का प्रयास कर रहे थे.
तीन प्रदर्शनकारियों की हुई थी मौत
गत रविवार को हुई हिंसा में कम से कम तीन प्रदर्शनकारी मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हो गए थे. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, सूडान की सेना प्रदर्शनकारियों का दमन करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है (Sudan Protest Deaths). सैनिकों पर महिला प्रदर्शनकारियों के साथ सामूहिक बलात्कार करने के भी आरोप लगे हैं. गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक को पिछले महीने एक समझौते के तहत पुन: बहाल किया गया था.
लोकतंत्र समर्थकों ने समझौता खारिज किया
समझौते के तहत देश में हमदोक के नेतृत्व में सेना के निरीक्षण के अंतर्गत एक स्वतंत्र तकनीकी कैबिनेट का प्रस्ताव रखा गया है. इस समझौते को हालांकि लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों ने खारिज कर दिया है और बदलाव के साथ पूर्ण रूप से एक अलग सरकार की मांग की है. प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक देश में मौजूदा राजनीतिक गतिरोध को दूर करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा करने में जुटे हुए हैं. इस संबंध में उन्होंने शुक्रवार को देश की सबसे बड़ी उम्मा पार्टी के नेताओं से मुलाकात की.