विधानसभा चुनाव की तारीखों को ऐलान होने के साथ ही चुनाव आयोग सख्त हो गया है। उसके निर्देशों को पालन सभी राजनीतिक दलों को करना ही होगा। स्वामी प्रसाद मौर्या के सपा ज्वाइनिंग कार्यक्रम में कोविड गाइडलाइंस के उल्लंघन को लेकर हुई एफआईआर के बाद गौतमपल्ली थाने के एसएचओ दिनेश सिंह बिष्ट को सस्पेंड कर दिया गया है। सपा मुख्यालय में बगैर इजाजत भीड़ जुटने, कोरोना नियमों के पालन न होने पर चुनाव आयोग ने हजरतगंज के एसीपी और एसडीएम से भी स्पष्टीकरण मांगा है। गौतमपल्ली थाने के एसएचओ दिनेश सिंह बिष्ट को सस्पेंड होने के साथ ही मामला और गंभीर हो गया है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, मंत्री धर्म सिंह सैनी, भाजपा विधायक भगवती सागर, विनय शाक्य, रोशन लाल वर्मा, डॉक्टर मुकेश वर्मा, बृजेश प्रजापति और अपना दल विधायक अमर सिंह चैधरी समेत कई पूर्व विधायकों के सपा सदस्यता कार्यक्रम में भारी भीड़ जुटने पर एफआईआर दर्ज हो गई है। इस कार्यक्रम में मंच पर अखिलेश यादव भी मौजूद थे जिन्होंने सभी विधायकों को सपा की सदस्यता दिलायी। स्वामी प्रसाद मौर्या, अखिलेश यादव ने मंच से भाषण भी दिया था। ऐसे में सपा मुख्यालय जिस थाने गौतमपल्ली में आता है वहां के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया है।
14 जनवरी को मकर संक्रांति के साथ ही खरमास का अंत हो जाता है। इसी को देखते हुए 14 जनवरी को मकर संक्रांति के शुभ दिन इस कार्यक्रम को रखा गया था। पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज करा दी गई। यह एफआईआर धारा 144 तोड़ने, महामारी एक्ट, सड़क पर ट्रैफिक रोकने में आईपीसी की धारा 269, 270 और 341 में दर्ज हुई।
एफआईआर के अनुसार समाजवादी पार्टी के दो से ढाई हजार कार्यकर्ता 19, विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी कार्यालय के अंदर इकट्ठा थे जिनके बेतरतीब वाहनों के चलते विक्रमादित्य मार्ग पर जाम जैसी स्थिति बन गई थी। आदर्श आचार संहिता के चलते धारा 144 भी लागू थी जिसका पालन नहीं किया गया। समाजवादी पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं द्वारा अवैध रूप से अवैधानिक जमावड़ा कार्यालय में किया गया, जबकि 15 जनवरी तक किसी भी प्रकार की रैली, जुलूस, मीटिंग पर पूरी तरह रोक है।