उत्तर प्रदेश सरकार ने समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता और रामपुर नगर से दस बार विधायक रह चुके मोहम्मद आजम खान को दी गई ‘Y’ श्रेणी सुरक्षा वापस ले ली है। सरकार का कहना है कि अब इसकी जरूरत नहीं है।
रामपुर के अपर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर संसार सिंह ने बताया कि सुरक्षा मुख्यालय से पुलिस अधीक्षक का एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें कहा गया है कि पूर्व विधायक आजम खान को दी गयी ‘Y’ केटेगरी की सिक्योरिटी बनाए रखने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि इस आदेश का पालन करते हुए उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है।
वापस बुलाए गए आजम खान की सुरक्षा में तैनात कर्मी
संसार सिंह ने बताया कि ‘वाई’ श्रेणी के तहत खान को तीन सशस्त्र पुलिसकर्मी उपलब्ध कराए गए थे और गनर तैनात था। उन्होंने बताया कि खान की सुरक्षा में तैनात सभी सुरक्षाकर्मियों को वापस रामपुर पुलिस लाइन बुला लिया गया है। एडिशनल एसपी संसार सिंह ने बताया कि सुरक्षा मुख्यालय एसपी की तरफ से पुलिस को आदेश मिला था कि पूर्व विधायक आजम खान की वाई केटेगरी की सुरक्षा बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है, जिसके बाद उनकी सुरक्षा में तैनात जवानों को वापस बुला लिया गया है।
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2022 VIP सुरक्षा मुहैया कराए जाने के लिए राज्य स्तरीय सुरक्षा समिति की एक बैठक हुई थी। इस बैठक में यह फैसला लिया गया था कि आजम खान को अब सुरक्षा देने का कोई औचित्य नहीं है। जिसके बाद गृह विभाग की तरफ से रामपुर एसपी को इस बाबत निर्देशित किया गया।
हेट स्पीच मामले में आरोप तय होने पर गयी थी विधायकी
गौरतलब है कि वरिष्ठ सपा नेता खान ने 2022 के विधानसभा चुनावों में 10वीं बार रामपुर सीट से जीत हासिल की थी। विधायक चुने जाने पर खान ने रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। उत्तर प्रदेश में रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने आजम खान को 2019 के एक अन्य नफरती भाषण मामले में पिछले साल अक्टूबर में दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
बाद में उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गयी थी। हेट स्पीच केस में सजायाफ्ता होने पर आजम खान की विधायकी गई। उसके बाद एक और हेट स्पीच मामले में आरोप तय हो चुके हैं, जबकि बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में भी सुनवाई आखिरी दौर में है।