पैसा लेकर मंच पर कार्यक्रम प्रस्तुत नहीं करने के मामले में हरियाणवी डांसर सपना चौधरी की मुश्किलें बढ़ गई है। लखनऊ के एसीजेएम शांतनु त्यागी की कोर्ट ने डांस का प्रोग्राम रद करने और टिकट खरीदने वालों को उनके टिकट का पैसा भी वापस न करने के आपराधिक मामले में सपना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी। सपना चौधरी का कार्यक्रम में नहंी आने का मामला 2018 से जुड़ा है। सपना चौधरी ने लखनऊ में एक कार्यक्रम का करार किया था। इसके लिए उन्होंने पैसे भी लिए थे लेकिन ऐन वक्त पर कार्यक्रम रद कर दिया गया। कार्यक्रम रद होने के बाद दर्शकों के पैसे भी नहीं लौटाये गये। इस मामले में सपना चौधरी के साथ ही आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
14 अक्टूबर 2018 को आशियाना थाने के सब इंस्पेक्टर फिरोज खान ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाई थी। 13 अक्टूबर 2018 को आशियाना इलाके में डांसर सपना चौधरी का एक कार्यक्रम प्रस्तावित था। कार्यक्रम के लिए प्रति व्यक्ति 300 रुपये में ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट बेचे गए थे। उस प्रोग्राम को देखने के लिए शाम से ही वहां पर हजारों लोग टिकट लेकर मौजूद थे। रात 10 बजे तक जब सपना चौधरी नहीं आई तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। नाराज दर्शकों ने आयोजकों पर नाराजगी जतायी। आयोजकों ने टिकट खरीदने वालों के पैसे भी वापस नहीं किये। जिसके बाद आक्रोशित भीड़ ने कार्यक्रम स्थल पर हंगामा और तोड़फोड़ शुरू कर दी। आक्रोशित भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को काफी मेहनत-मशक्कत करनी पड़ी थी। पूरे हंगामे की जांच के लिए तत्कालीन एसएसपी ने आदेश दिए थे। आयोजकों और सपना चैधरी के खिलाफ मामला दायर किया गया।
कोर्ट ने कर दी थी डिस्चार्ज अर्जी खारिज
जांच के बाद पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजक जुनैद अहमद, नवीन शर्मा, पहल इंस्टीट्यूट के इबाद अली, अमित पांडे, रत्नाकर उपाध्याय के साथ-साथ सपना चैधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। 4 सितंबर 2021 को कोर्ट ने इस मामले में सपना चौधरी की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी थी। जिसके बाद चली न्यायिक प्रक्रिया के तहत सपना चौधरी के खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है।