Breaking News

‘सड़क पर आवारा गोवंश मिले तो होगी सख्त कार्रवाई’, पशुओं के सड़क पर घूमने पर शख्त हुआ प्रशासन

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में एक बार फिर योगी सरकार की वापसी के बाद प्रशासन को गोवंशो की चिंता सताने लगी है. इटावा में मुख्य विकास अधिकारी ने इस मामले पर अधिकारियों संग बैठक. बैठक में गोवंशो (Cattle) के संरक्षण के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए गए. उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि सड़क पर एक भी गोवंश मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. आवारा गोवंश का मुद्दा विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में भी खूब उठा था. अब प्रशासन इस मामले पर सजग नजर आ रहा है. सरकार की तरफ से आदेश मिलने के बाद आवारा गोवंश को हर हाल में गौशालाओं तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है. इस बात की जानकारी बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की तरफ से दी गई है.

अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि कुछ कारणों से गोवंश को गौशालाओं (Cowshed) तक ले जाने के कुछ कमी देखी गई थी, लेकिन इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा. वहीं इस मुद्दे पर ग्राम प्रधान ने कहा कि सरकार की तरफ से गोवंशों के लिए हर दिन दिए जाने वाले 30 रुपए काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि गौशालाओ में गोवंश को संरक्षित करने के लिए सरकार को अनुदान राशि को बढ़ाना होगा. मौजूदा समय भूसे की कीमत में हो रहे इजाफे की वजह से सरकार की तरफ से मिलने वाला अनुदान नाकाफी है. उन्होंने कहा कि इससे गोवंश के लिए पर्याप्त भूसा नहीं आ पाता है.

‘भूसा कम मिलने से नहीं भरता पेट’

उन्होंने कहा कि पर्याप्त भूसा नहीं मिलने की वजह से पशुओं का पेट तक नहीं भरता है. उनका कहना है कि भूख की वजह से कई गोवंशों की मौत तक हो चुकी है. प्रत्यक्ष दर्शियों के मुताबिक गौशालाओं में पशुओं को सिर्फ सूखा भूसा ही दिया जाता है. हरा चारा उन्हें कभी-कभी ही मिलता है. कम चारा मिलने की वजह से पशु खाली पेट रहते हैं और वह कमजोर हो जाते हैं. सैकड़ों की संख्या में पशु घायल हो जाते है, जिसके कई पशुओं की मौत तक हो जाती है. गोशालाओं के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि इस समय गौशालाओं की देख रेख ग्राम समाज कर रही है.

आवारा गोवंश के संरक्षण पर सतर्कता

उत्तर प्रदेश में दोबारा बीजेपी के चुनाव जीतने के बाद योगी का सीएम बनने तय हो गया है. जिसके बाद जिला प्रशासन आवारा गोवंश को लेकर एक बार फिर से सजग हो गया है. दरअसल आवारा गोवंश को लेकर बीजेपी को कई जगहों पर विधानसभा चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ा है. जिसके बाद सरकारी स्तर से आवारा गोवंश के संरक्षण को लेकर सजगता और सतर्कता दिखानी शुरू कर दी गई है. इस मामले पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि सरकार के आदेश के बाद एक बार फिर से आवारा गोवंश को लेकर सजगता बरतने को लेकर कहा गया है.

‘हरा चारा और पानी प्राथमिकता’

उन्होंने कहा कि सड़कों पर घूम रहे आवारा गोवंश को गौशालाओं तक पहुंचाने की बात कही गई है. उन्होंने कहा कि इस काम में कमी आई है. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि आवारा गोवंश को गोशालाओं तक पहुंचाने और उनके लिए हरा चारा, पानी और टीन शेड की व्यवस्था करना प्राथमिकता पर है. वहीं इटावा के बसरेहर ब्लॉक के ग्राम प्रधान का कहना है कि हमारे गांव की गोशाला में 189 आवारा संरक्षित जानवर हैं. लेकिन सरकार की तरफ से मिलने वाला प्रति गाय 30 रुपए अनुदान कम है. उनका कहना है कि इसे बढ़ाकर 150 रुपए कर देना चाहिए, जिससे इन पशुओं को पर्याप्त हरा चारा और भूसा मिल सके.