कोरोना वायरस की वजह से देशभर में पिछले छह महीने से स्कूल बंद है लेकिन धीरे-धीरे सभी राज्यों की सरकार स्कूल खोलने की तैयारियों में लग गई है। उत्तर प्रदेश में भी अब स्कूल खोलने की दिशा में कदम उठाए जा रहे है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेशभर के स्कूल की कक्षाओं को कई चरणों के तहत खोलेंगे। जिसकी जानकारी उपमुख्यमंत्री दिनेश कुमार ने दी। दिनेश कुमार के मुताबिक, राज्य में पहले चरण में नौ से 12वीं कक्षाओं तक के स्कूल को खोला जाएगा। इन कक्षाओं के स्कूल 19 अक्टूबर से खुलेंगे। विद्यालयों को दो पालियों में संचालित किया जाएगा। जिसके तहत पहली पाली में कक्षा नौ और दसवीं होगी और द्वितीय पाली में कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थियों की पढ़ाई होगी। ऐसे में छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखना काफी आसान हो जाएगा।
शनिवार को दिनेश कुमार ने स्कूल खोलने के लिए सरकार द्वारा जारी होने वाली गाइडलाइंस का भी जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि स्कूल खोलने से पहले विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिभावकों से पहले लिखित सहमति ली जाएगा। इसके बाद ही विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए बुलाया जाएगा। क्योंकि बच्चों का भविष्य और स्वास्थ्य दोनों की सरकार के लिए जरूरी है। इसके साथ ही स्कूल खोलने से पहले कई तरह की शर्ते भी रखी जाएगी। स्कूल को खोलने से पहले पूरी तरह सेनेटाइज किया जाएगा। इतना ही नही, सेनिटाइजेशन रोजाना हर पाली में होगा। जिससे बच्चों का स्वास्थ्य ठीक रहे। स्कूल में सेनेटाइजर, हैंडटाइजर, हैंडवाश, थर्मलस्कैनिंग और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाएगी। अगर किसी भी विद्यार्थी, शिक्षक या अन्य कार्मिक को खांसी, जुखाम या बुखार के लक्षण होंगे। तो उन्हें उपचार के लिए घर भेज दिया जाएगा।
इसके आगे उन्होंने कहा कि एक साथ सभी विद्यार्थियों की छुट्टी नहीं की जाएगी। विद्यालय में प्रवेश के लिए भी सुविधाएं दी जाएगी। ताकि विद्यार्थियों में सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे। दिनेश कुमार ने कहा कि कई स्कूल में बस और वैन की सुविधा होती है। उन्हें भी लगातार सेनेटाइज किया जाएगा। इसके साथ ही स्कूल में शिक्षक, विद्यार्थियों और अन्य कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। साथ ही विद्यार्थियों के बैठने में भी छह फीट की दूरी रखी जाएगी। हालांकि स्कूल खुलने के बाद भी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखेगी। एक दिवस में प्रत्येक कक्षा के अधिकतम 50 प्रतिशत तक विद्यार्थियों को ही बुलाया जाय. अवशेष 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को अगले दिन बुलाया जाए।