संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) ने समान नागरिक संहिता पर (On UCC) हितधारकों के विचार सुनने के लिए (To Hear Views of Stakeholders) तीन जुलाई को (On July 3) एक बैठक बुलाई (Called A Meeting) ।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी के नेतृत्व वाली समिति ने सभी 30 सांसदों और समिति के सदस्यों को सूचित किया कि बैठक में यूसीसी पर उनके विचार मांगे जाएंगे और उन पर विचार किया जाएगा । इसमें कहा गया है कि सदस्यों को याद दिलाया जाता है कि कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समिति की अगली बैठक तीन जुलाई को दोपहर ती बजे होगी।
इसमें यह भी कहा गया है कि 14 जून, 2023 को भारत के विधि आयोग द्वारा जारी सार्वजनिक नोटिस के तहत समान नागरिक संहिता पर विभिन्न हितधारकों से विचार आमंत्रित किए जाएंगे। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को मध्य प्रदेश के भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने संबोधन के दौरान यूसीसी की वकालत करने के बाद उठाया गया है।
समान नागरिक संहिता पर मोदी के ज़ोरदार वकालत पर भाजपा और विपक्ष के बीच वाकयुद्ध शुरू कर दिया है, विपक्ष ने सरकार पर लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यूसीसी पर आगे बढ़ने का आरोप लगाया है। विपक्षी दलों ने इसे महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने की केंद्र की बीजेपी सरकार की कोशिश भी करार दिया है।