संयुक्त किसान मोर्चा ने एमएसपी को लेकर सरकार की ओर से गठित कमेटी को खारिज कर दिया है। मोर्चे के लीडर अभिमन्यु कोहर ने कहा कि इस कमेटी में कथित किसान नेताओं को शामिल किया गया है, जिन्होंने तीन नए कृषि कानूनों का समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि यह कमेटी इस एमएसपी के मसले पर काम नहीं कर सकती है और हम इसे खारिज करते हैं।
किसान संगठनों ने एमएसपी के बारे में राय देने के लिए बनाई गई नई कमेटी को बड़ा छल करार दिया है। भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि केंद्र सरकार ने एमएसपी कमेटी का गठन एसकेएम के किसान संगठनों की बिना राय लिए किया है। और उसमें तीन काले कृषि कानूनों के घोर पक्षधर नौकरशाहों, किसान नेताओं को शामिल कर देश के किसानों से फिर छल किया है। बता दें, केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को ही एमएसपी पर सिफारिशों के लिए एक कमेटी का गठन किया था।
यह कमेटी एक साल से ज्यादा लंबे समय तक चले किसान आंदोलन की समाप्ति के 8 महीने बाद गठित की गई थी। इस कमेटी का चेयरमैन पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल को बनाया गया है। इसके अलावा इसमें संयुक्त किसान मोर्चा के तीन सदस्यों को भी शामिल किए जाने की बात थी। किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा, ‘आज हमने संयुक्त किसान मोर्चा के गैर-राजनीतिक नेताओं की मीटिंग की थी। सभी नेताओं ने सरकारी पैनल को खारिज कर दिया है। सरकार ने उन कथित किसान नेताओं को इसमें शामिल किया है, जिनका एक साल से ज्यादा समय तक चले हमारे आंदोलन से कोई संबंध नहीं था।’