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वैक्सीन आपूर्ति विवाद मामले में कोर्ट पहुंचेगा एस्ट्राजेनेका और यूरोपीय संघ

यूरोपीय संघ (European Union) टीके की आपूर्ति को लेकर महीनों से जारी विवाद में अब दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका के खिलाफ अदालत का सहारा लेगा. एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) पर कोविड-19 टीके की तय खुराकें देने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ब्रसेल्स की अदालत के समक्ष बुधवार को दवा कंपनी को बाकी बची खुराकों (Doses) की तत्काल आपूर्ति के लिए आदेश जारी करने का अनुरोध करेगी.

सत्ताइस सदस्यीय यूरोपीय संघ के साथ कंपनी एस्ट्राजेनेका ने शुरुआती दौर में टीके की 30 करोड़ खुराकों की आपूर्ति को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जो सभी सदस्यों के बीच वितरित होनी थीं. इसके साथ ही आने वाले समय में 10 करोड़ और खुराकों का विकल्प भी रखा गया था. टीके की ये खुराकें वर्ष 2021 के दौरान दी जानी थीं लेकिन पहली तिमाही में केवल तीन करोड़ खुराकें ही उपलब्ध कराई गईं.

कंपनी ने कहा- वैक्सीन उत्पादन एक जटिल प्रक्रिया

यूरोपीय संघ के मुताबिक, कंपनी ने दूसरी तिमाही में केवल सात करोड़ खुराकों की आपूर्ति की है जबकि उसने 18 करोड़ खुराक देने का वादा किया था. एक तरफ जहां संघ ने एस्ट्राजेनेका पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है, वहीं कंपनी का कहना है कि वह पूरी तरह समझौते को लेकर बाध्यकारी है. हालांकि, कंपनी का तर्क है कि टीका उत्पादन एक जटिल प्रक्रिया है और उसने समय पर टीके की खुराकों की आपूर्ति करने का प्रयास किया. यूरोपीय आयोग के प्रवक्ता स्टीफन डी कीर्समाइकर ने कहा कि हम चाहते हैं कि अदालत कंपनी को पहली तिमाही में दी जा चुकीं तीन करोड़ खुराक के अतिरिक्त नौ करोड़ खुराकों की आपूर्ति करने का आदेश दे.

निर्यात रुकने से ‘कोवैक्स’ को लगा झटका

अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘गावी-द वैक्सीन एलायंस’ ने जॉनसन एंड जॉनसन के कोरोना वायरस रोधी टीके की 20 करोड़ खुराकें खरीदने के लिए एक समझौता किया है. इससे गरीब देशों को टीका वितरित करने में संयुक्त राष्ट्र की पहल को बढ़ावा मिलेगा. ‘गावी’ ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि इस साल 20 करोड़ टीके खरीदने के लिए एक समझौता किया गया है. इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र की ‘कोवैक्स’ पहल को बड़ा झटका लगा था क्योंकि टीकों की आपूर्ति करने वाली सबसे बड़ी कंपनी ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ ने कहा था कि भारतीय उपमहाद्वीप में महामारी की खौफनाक स्थिति से निपटने के मद्देनजर वह साल के अंत तक टीके की आपूर्ति नहीं कर पाएगी.