बिकरू कांड (Biker scandal) का सबसे बड़ा दबंग बदमाश विकास दुबे (Vikas Dubey) एनकाउंटर का शिकार भले ही हो चुका है. लेकिन उसके काले कारनामों की लिस्ट इतनी लंबी है, जिस पर अभी भी एसआईटी (SIT) टीम काम कर रही है, और एक-एक करके सारे गुनाहों का पर्दाफाश कर रही है. इसी बीच जांच टीम ने एक और बड़ी सच्चाई से पर्दा उठाया है. जी हां कुख्यात विकास दुबे की पत्नी से लेकर बाकी के उसके रिश्तेदारों और जान पहचान वालों ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स पर सिम लिए थे. एसआईटी की जारी की गई जांच रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने पुलिस को इसमें शामिल हर शख्स के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कहा गया है.
SIT की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि, जय बाजपेई का पासपोर्ट फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बना था. जबकि विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे (Richa Dubey) से लेकर मोनू, अरविंद त्रिवेदी, राजू वाजपेयी, विष्णु पाल, दीपक, शिव तिवारी, शांति देवी, खुशी, रेखा ने फर्जी आईडी पर फोन की सिम ले रखी थी. ये खुलासा उस वक्त हुआ जब पुलिस ने इन सभी के फोन की जानकारी इकट्ठा की. ऐसे में अब फर्जी सिम लेने के आरोप में अपर मुख्य सचिव और एसआईटी अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी के आदेश पर सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही बात करें जय बाजपेई के पासपोर्ट की तो, इस बारे में बताया जा रहा है कि, अपने काले कारनामों से बचने के लिए जय ने फर्जी वोटर आईडी कार्ड पर पासपोर्ट बनवाया था. यहां तक कि घर से जुड़ी डिटेल भी गलत थी.
गौरतलब है कि इसी साल जुलाई महीने की बात है, जब 2 तारीख को पुलिस रात के वक्त बिकरू गांव में विकास दुबे के घर दबिश देने के लिए पहुंची थी. लेकिन इससे पहले प्रशासन की टीम से किसी ने बदमाशों को इस बारे में जानकारी दे दी थी. इसके बाद पुलिस पर घात लगाकर पहले से ही प्लानिंग करके बैठे बदमाशों ने टीम पर धावा बोल दिया था. जिसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की बुरी तरीके से हत्या कर दी गई थी. इसके बाद ये पूरा मामला मुख्यमंत्री ने यूपी एसटीएफ टीम को सौंप दिया था. जिसके बाद केस में कार्रवाई करते हुए विकास दुबे समेत उसके 5 साथियों को मुठभेड़ में ही मार दिया गया था.