भारत (India) ने इंटरसेप्ट लॉन्ग रेंज मिसाइल (long range missile) का सफल परीक्षण करके मिसाइल कवच की ओर बड़ा कदम बढ़ा दिया है। यह परीक्षण आसान नहीं था। हालांकि भारत को लॉन्ग रेंज की इस मिसाइल को टेस्ट करने में सफलता हासिल हुई है। पहली बार डीआरडीओ ने इस तरह का टेस्ट किया है। इसका नाम एडी-1 है। रक्षा मंत्री (Defense Minister) ने कहा कि इस तरह का इंटरसेप्टर बहुत ही कम देशों के पास है।
मिसाइल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह वायुमंडल (Atmosphere) की ऊपरी सतह और निचली सतह दोनों ही जगह बलिस्टिक मिसाइल और फाइटर प्लेन (Ballistic missiles and fighter planes) को धराशायी कर सके। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह बहुत ही अनोखी मिसाइल है। इसमें आधुनिक तकनीक उपलब्ध है जो कि बहुत कम देशों के पास है। जानकारी के मुताबिक वायुमंडल के बाहर वार करने में भी यह मिसाइल सक्षम है। यह बलिस्टिक मिसाइल के सामने बहुस्तरीय सुरक्षा प्रदान करेगी।
ओडिशा में एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप (APJ Abdul Kalam Island) पर दूसरे चरण के परीक्षण में मिसाइल का सफल टेस्ट हो पाया। मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि कई जगहों पर वेपन सिस्टम लगाकर इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था। भारत दो चरणओं में बीएमडी प्रोग्राम चला रहा है। पहला चरण पूरा हो गया है और दूसरा जारी है। दूसरे चरण में लॉन्ग रेंज इंटरसेप्ट सिस्टम पर ही काम चल रहा है। एडी-1 मिसाइल दो स्टेज के सॉलिड मोटर (solid motor) से लैस है। इसमें अडवांस कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है। इसके अलावा टारगेट करने के लिए नेविगेशन और गाइडेंस बहुत ही उच्च श्रेणी का है।
पहले चरण में सब सिस्टम का परीक्षण किय गया था जिससे डेटा कैप्चर, रेंज सेंसर, रडार, टेलीमीट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग स्टेशन की जानकारी हासिल हुई। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह मिसाइल भारत के रक्षा कवच को और मजबूती देगी। डीआरडीओ के चीफ समीर वी कामत ने कहा कि अलग- अलग टारगेट को हिट करने में यह इंटरसेप्टर बहुत काम आएगा।