उन्नाव जिले में लखनऊ-कानपुर हाईवे स्थित गदनखेड़ा बाईपास चौराहा पर पुल बनकर तैयार हो गया है। सोमवार को डिवाइडर पर ग्रिल लगाने का काम शुरू हुआ। प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुसार, मंगलवार को ये काम भी हो जाएगा और बुधवार से पुल को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। लखनऊ-कानपुर हाईवे को गदनखेड़ा बाईपास चौराहा पर उन्नाव-लालगंज (रायबरेली) हाईवे क्रॉस करता है। लखनऊ-कानपुर हाईवे पर अत्यधिक यातायात होने से रोजाना कई बार जाम लगता है।
लगभग हर दूसरे दिन कोई न कोई हादसा होता है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों की मांग पर इस बाईपास चौराहे पर उपरगामी सेतु के निर्माण को मंजूरी दी थी। 2021 में इसके निर्माण शुरुआत हुई। पुल की कुल लंबाई 1640 मीटर है और इसे बनाने में करीब 64 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। कई बार समय सीमा बढ़ने के बाद आखिरकार निर्माण एजेंसी पीएनसी ने काम पूरा कर लिया है।
हालांकि पहले जुलाई और फिर अगस्त तक काम पूरा करने का दावा किया गया था, लेकिन बारिश और पुल से पहले कानपुर की तरफ नहर पुल को चौड़ा करने के काम में देरी हुई। इसके बाद नमी के कारण डामरीकरण का काम रुक गया। हालांकि अब यह दोनों काम पूरे हो गए हैं। अब पुल के डिवाइडर में लोहे की ग्रिल लगाने का काम चल रहा है। पीएनसी के प्रोजेक्ट मैनेजर अशोक कुमार ने बताया कि ग्रिल लगाने का काम मंगलवार तीन सितंबर को पूरा कर लिया जाएगा। चार सितंबर से पुल पर वाहन दौड़ने लगेंगे।
काफी जद्दोजहद के बाद मंजूर हुआ था पुल
वर्ष 2020 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने गदनखेड़ा बाईपास चौराहा पर पुल निर्माण को मंजूरी दी थी। हालांकि पुल नवनिर्मित उन्नाव-लालंगज (रायबरेली) हाईवे (एनएच-31) के लिए मंजूर हुआ था, लेकिन इस हाईवे पर पुल बनने से शहर के अस्पताल रोड तक करीब डेढ़ हजार मकान प्रभावित हो रहे थे। स्थानीय लोगों ने गदनखेड़ा संघर्ष समिति बनाई और एकजुट होकर पुल को लालगंज हाईवे के बजाए लखनऊ-कानपुर हाईवे (एनएच-27) पर बनाने की मांग की। काफी दिनों तक जद्दोजहद चलती रही। सांसद साक्षी महाराज ने लोगों को समस्या हल कराने का आश्वासन दिया और केंद्रीय मंत्री से मिलकर पुल को लखनऊ-कानपुर हाईवे पर बनाने की स्वीकृति दिलाई।
रोज औसतन 30,000 वाहनों का आवागमन
लखनऊ-कानपुर हाईवे के इस गदनखेड़ा चौराहे पर 24 घंटे में छोटे-बड़े औसतन 30,000 वाहनों का आवागमन होता है। उन्नाव-रायबरेली और लखनऊ-कानपुर हाईवे का मुख्य चौराहा होने से यातायात दिन-रात व्यस्त रहता है। इधर अक्तूबर 2023 से लखनऊ-कानपुर एलिवेटेड एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू होने से वाहनों के हाईवे से लखनऊ जाने पर रोक है। इस डायवर्जन प्वाइंट पर कई बार घंटों जाम लगता है।
डीएम की सख्ती का दिखा असर
डीएम गौरांग राठी ने हाईवे पर जाम की समस्या को हल करने के लिए स्थलीय निरीक्षण किया था। उन्होंने गदनखेड़ा बाईपास चौराहा को 20 मीटर चौड़ा करने के साथ ही सर्विस लेन की चौड़ाई बढ़ाने के लिए कहा था। उन्होंने पीएनसी के अधिकारियों को बुलाकर पुल निर्माण कार्य में सुस्ती पर नाराजगी जताते हुए काम में तेजी लाने का निर्देश दिया था। इसके बाद सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लगातार प्रगति समीक्षा की और काम में तेजी आई।