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इजरायल का खतरनाक प्लान : गाजा में रहने वाले फिलिस्तीनी उसकी फौज के साये में रहें

इजरायल और हमास (Israel-Hamas) के बीच सीजफायर को लेकर बीते एक सप्ताह से चर्चा है कि यह डील कभी भी हो सकती है। लेकिन अब तक इसके बारे में कोई अपडेट नहीं मिली है। इसकी वजह यह है कि इजरायल (Israel) अब बेहद खतरनाक प्लान पर काम कर रहा है और इसका प्रस्ताव भी अमेरिका और हमास (America and Hamas) के सामने रख दिया है। इसी के चलते सीजफायर को लेकर चल रही चर्चा अटक गई है और अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है। दरअसल इजरायल का प्रस्ताव है कि पूरा गाजा ही खाली करा लिया जाए और उसके छोटे से एक दक्षिणी हिस्से में फिलिस्तीनियों को रखा जाए। यह वह इलाका है, जो इजरायल की सेना के कंट्रोल में है।

इस तरह इजरायल चाहता है कि गाजा में रहने वाले फिलिस्तीनी उसकी फौज के साये में रहें। अब तक इस प्रस्ताव को लेकर इजरायल ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन उसके रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने पिछले दिनों इसकी बात की थी। वहीं इजरायल के इस प्लान को लेकर मानवाधिकार संगठन चिंतित हैं। इसके अलावा अमेरिका, सऊदी अरब जैसे देश भी इसके पक्ष में नहीं हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह एक हिस्से में फिलिस्तीनियों को रखना और उन्हें अपने ही घरों में ना जाने देना या अलग रखना तो मानवाधिकारों का हनन है। संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के तहत यह तो एक नस्ल को ही खत्म करने की साजिश जैसा फैसला होगा।

इजरायल काट्ज ने इस प्रस्ताव पर बात कुछ मीडियाकर्मियों से की थी। इस बारे में न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी डिटेल रिपोर्ट में जानकारी दी है। इसके बारे में इजरायल के कई पत्रकार कॉलम भी लिख चुके हैं। यही नहीं हमास ने अब सीजफायर न होने को लेकर इसी का हवाला दिया है। हमास का कहना है कि इजरायल का यह प्रस्ताव ही वार्ता में बाधा बन रहा है। यही नहीं अब हमास ने भी आगे बढ़ते हुए शर्त रख दी है कि यदि हम इजरायल के 25 बंधकों को रिहा करेंगे तो उसे भी गाजा से अपनी ज्यादा से ज्यादा सेना हटानी होगी।
हमास बोला- कोई भी इस प्लान पर राजी नहीं होगा.

दरअसल, इजरायल और हमास के बीच का संघर्ष अब गाजा पर कब्जे को लेकर छिड़ गया है। इजरायल चाहता है कि वह गाजा के एक बड़े हिस्से को अपनी कॉलोनी में तब्दील कर ले, वहीं हमास की कोशिश है कि सीजफायर के बदले में वह ऐसा कोई समझौता कर ले कि इस इलाके में उसका ही प्रभुत्व कायम रहे। हमास के एक सीनियर लीडर हुसाम बदरान का कहना है कि इजरायल ने ऐसी मांग ही इसलिए रख दी है ताकि समझौता न हो सके। उन्होंने कहा कि कोई भी फिलिस्तीनी इसके लिए राजी नहीं होगा और संघर्ष करेगा।