ट्रेन में आग की घटनाएं इन दिनों काफी देखी गई हैं. हाल ही में नई दिल्ली-देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस के एक कोच में आग लग गई थी. वहीं, गाजियाबाद स्टेशन पर भी आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं. इन घटनाओं को मद्देनजर रेलवे ने यात्रियों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. रेलवे ने ट्वीट कर बताया है कि ट्रेन में यात्रा के दौरान ज्वलनशील सामग्री न स्वयं लेकर चलें और न ही किसी को ले जाने दें यह एक दंडनीय अपराध है. ऐसा किए जाने पर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ जेल भी हो सकती है.
रेलवे (Indian Railways) के ट्वीट के मुताबिक, ट्रेन के डिब्बे में केरोसिन, सूखी घास, स्टोव, पेट्रोल, मिट्टी का तेल, गैस सिलेंडर, माचिस, पटाखे या आग फैलाने वाली कोई अन्य ज्वलनशील वस्तुओं को अपने साथ लेकर यात्रा न करने की हिदायत दी गई है. रेलवे की तरफ से यह बात यात्रियों के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए कही गई है, ताकि ट्रेन में सफर करने वाले सभी यात्रियों के चेहरे पर मुस्कान बनी रहे. पश्चिम मध्य रेलवे के मुताबिक ट्रेन में आग फैलाने या लगाने वाली ज्वलनशील वस्तुएं ले जाना रेल अधिनियम, 1989 की धारा 164 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है, जिसके लिए पकड़े गए व्यक्ति को 3 वर्ष तक की कैद या हजार रुपये तक का जुर्माना या फिर दोनों सजाएं हो सकती है.
यही नहीं, आग की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए रेलवे द्वारा बनाई गई योजना के तहत अगर कोई ट्रेन में स्मोकिंग करता पकड़ा जाएगा तो उसे जेल भेजा जा सकता है. साथ ही जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है. रेलवे परिसर में सिगरेट/बीड़ी पीना भी अपराध है. ऐसा करते पाए जाने पर यात्रियों पर 200 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.