Breaking News

रूस से जंग लड़ रहे यूक्रेन को अमेरिका देगा घातक हथियार, बाइडन ने किया ये बड़ा ऐलान

रूस(Russia) से जंग(War) लड़ रहे यूक्रेन (Ukraine) की मदद के लिए अमेरिका (America)ने एक बार फिर मदद की बात कही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने यूक्रेन के लिए 800 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सुरक्षा सहायता ($800 million in additional security assistance) देने का ऐलान किया। सुरक्षा पैकेज में यूक्रेन को एंटी एयरक्रॉफ्ट सिस्टम समेत घातक हथियार देना का वादा किया है।


व्हाइट हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन के लिए नए सहायता पैकेज में 800 एंटी-एयरक्रॉफ्ट सिस्टम, 9000 एंटी ऑर्मर सिस्टम, 7000 छोटे हथियार जैसे शॉटगन और ग्रेनेड लॉन्चर के अलावा ड्रोन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। अमेरिका के इस ऐलान के बाद अब ऐसा माना जा रहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जल्दी खत्म नहीं होने वाला है।

यूरोप जाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बारे में यूरोपीय नेताओं के साथ बातचीत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अगले सप्ताह यूरोप की यात्रा करेंगे। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने मंगलवार को यह जानकारी दी थी। बाइडेन 24 मार्च को ब्रसेल्स में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) और यूरोपीय नेताओं से मुलाकात करेंगे। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की पिछले हफ्ते पोलैंड और रोमानिया के पूर्वी हिस्से के नाटो देशों की यात्रा के बाद बाइडेन यह यात्रा करेंगे।

संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत ने जंग रोकने का दिया आदेश
संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को रूस को यूक्रेन में युद्ध रोकने का आदेश दिया। हालांकि कई लोगों को संदेह है कि रूस इसका पालन करेगा। दो सप्ताह पहले यूक्रेन ने इस अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से हस्तक्षेप का अनुरोध किया था और दलील दी थी कि रूस ने उस पर नरसंहार का झूठा आरोप लगाकर 1948 की नरसंहार संधि का उल्लंघन किया एवं उसकी (नरसंहार के आरोप की) आड़ में उस पर हमला कर दिया।

यूक्रेन को समझौते की उम्मीद
कीव और मारियुपोल पर रूस की बढ़ती बमबारी के बावजूद यूक्रेन ने कहा कि उसे रूस के साथ वार्ता में समझौते की गुंजाइश नजर आती है। इस बीच, रूसी सेना से घिरे यूक्रेन के मारियुपोल से एक मानवीय गलियारे के जरिए करीब 20,000 लोगों ने बंदरगाह शहर छोड़ दिया। अभी तक इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने वहां से पलायन नहीं किया था। इस बीच, देश छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या 30 लाख के पार पहुंच गई।