वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव को कम करने के लिए रक्षा मंंत्री राजनाथ सिंह अनवरत कूटनीतिक कवायदों में जुटे हैं। रूस की राजधानी मास्को में शंघाई सहयोग संगठन में शिरकत करने के लिए पहुंचे केंद्रीय रक्षा मंत्री ने एकाएक ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचने का फैसला कर लिया है। उधर, पहुंचते ही वे अपने समकक्ष ब्रिगेडियर जनरल रक्षा मंत्री आमिर हतामी से मुखातिब होंगे। खबर है कि इस बीच मुलाकात के दौरान दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच कई मसलों को लेकर बातचीत होगी। उधर, रक्षा मंत्री के तेहरान जाने के बाद चीन की नींद उड़ गई है। वो अब असमंजस की स्थिति में आ चुका है।
इससे पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री का शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में मध्य एशिया के देशों पर खास फोकस रहा। बैठक के दौरान तजाकिस्तान, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री से भी मुखातिब हुए थे। इस मौके पर उनसे कई मसलों को लेकर वार्ता भी की है। वहीं, अब रक्षा मंत्री ने खुद अपने तेहरान जाने की जानकारी ट्वीट करके दी है। उधर, अब माना जा रहा है कि केंद्रीय रक्षा मंत्री के बाद अब केंद्रीय विदेश मंत्री भी चीनी विदेश मंत्री से मुखातिब होंगे और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के संदर्भ में वार्ता हो सकती है।
ध्यान रहे कि संयुक्त अरब अमिरात की घटनाओं के चलते खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, जिसके चलते रक्षा मंत्री की तेहरान यात्रा कफी अहम मानी जा रही है। बात दें कि बीते दिनों जिस तरह अमेरिका और ईरान के बीच हालात बने थे, फिलवक्त उसका कोई भी नकारात्मक असर भारत और ईरान के रिश्तों पर नहीं पड़ा। राजनाथ सिंह की ईरान के रक्षा मंत्री आमिर से होने जा रही यह बातचीत अहम मानी जा रही है।
गौरतलब है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बरकार है। ऐसे में भारत को चौतरफा घेरने की दिशा में ड्रैगन पाकिस्तानी सैनिकों को हथियार मुहैया करा रहा है, ताकि नियंत्रण रेखा पर भी भारत को घेरा जा सके। याद दिला दें कि इससे पहले चीन ने भारत को धमकी भरे लहजे में कहा था कि अगर भारत की चीन के साथ युद्ध की नौबत आती है तो उसे तीनों तरफ से दबाव का सामना करना पड़ सकता है, उसकी इस धमकी ने विश्व समुदाय में सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था। चीन ने चाबहार परियोजना में बीते दिनों खलल डालने के लिए ईरान से अरबो डॉलर की डील का वादा किया था। लेकिन भारत अपने हितों की रक्षा के लिए लगातार ईरान के संपर्क में है।