यूपी में गौ तस्करी करने वाले अपराधियों की अब खैर नही है क्योंकि योगी सरकार उन पर एनएसए का हंटर चला रही है। इस धंधे में संलिप्त अपराधियों पर न सिर्फ नकेल कसी जा रही है, बल्कि उनके मन में कानून का खौफ भरा जा रहा है। जिसका नतीजा है कि अब प्रदेश में धीरे-धीरे गौतस्करी पर लगाम लग रही है।
दरअसल, योगी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत अभी तक जो कार्रवाई की हैं, उनमें ज्यादा मामले गोवध से जुड़े हैं। एनएसए के तहत 76 मामले दर्ज किए गए, जबकि 63 मामले अन्य प्रकार के अपराध से संबंधित हैं। 19 अगस्त 2020 तक 139 मामले दर्ज किए गए। गोवध से हटकर जो मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें 6 मामले महिला और बच्चों के प्रति अपराध और 37 मामले जघन्य अपराध होने के चलते एनएसए के तहत दर्ज किए गए हैं। हालांकि कोरोना के चलते लाॅकडाउन और क्वारंटीन के विरोध को लेकर भी सरकार सख्त रही। कुछ मामले इससे भी संबंधित दर्ज किए गए हैं।
पश्चिम यूपी के बरेली जोन को काफी संजीदा बताया गया है। यहां सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। एनएसए के तहत किसी भी व्यक्ति पर बड़ा शिकंजा लगाया जा सकता है। बिना किसी आरोप के किसी व्यक्ति को 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है। ऐसा तब होता है जब प्रशासन को लगता है कि उक्त व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून-व्यवस्था के खिलाफ खतरा पैदा कर सकता है।
एनएसए के अलावा इस साल 26 अगस्त तक उत्तर प्रदेश प्रिवेंशन ऑफ काऊ स्लॉटर एक्ट के तहत 1716 मामले दर्ज किए गए हैं। 4 हजार से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं। हालांकि इसी मामले में 32 लोगों के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट भी दाखिल की गई है, क्योंकि पुलिस आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य नहीं जुटा सकी। इसके अलावा पुलिस ने यूपी गैंगस्टर एक्ट में 2384 और गुंडा एक्ट में 1742 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। गोरखपुर पुलिस जोन में दो गिरफ्तारियां हुईं। इसी जोन के तहत बहराइच भी आता है। यहां हाल ही में 6 सितंबर को एक शख्स के खिलाफ गोवध में एनएसए लगाया गया है।
लॉकडाउन के दौरान यूपी के कई हिस्सों में पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की घटना सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर काफी सख्त थे। उन्होंने उपद्रवियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया था। सीएम योगी ने अधिकारियों को आदेश दिया था कि प्रदेश में किसी भी स्थान पर पुलिसकर्मियों से मारपीट करने वालों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए। एक अप्रैल को यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने के लिए मना करने पर कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था।