ऊपर वाला जब भी देता..देता छप्पर फाड़कर ये गाना आपने भी जरूर सुना होगा. लेकिन ये लाइनें उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुशीनगर (Kushinagar) में सच भी हो गई. जी हां, पूरे जिले में उस वक्त हंगामा मच गया जब एक गन्ने खेत में सिर्फ 500 के नहीं बल्कि 2000 के नोट भी बिखरे हुए मिले. नोट मिलने की खबर से पूरे गांव में आग की तरह फैल गई और नोटों को लूटने के लिए लोग भी भारी संख्या में पहुंचने लगे. बताया जा रहा है कि, कुशीनगर (Kushinagar) के हाटा कोतवाली क्षेत्र के मोहमदा सिकटिया गांव में गन्ने के खेत में गन्ना काटने गए मजदूरों ने दो हजार और पांच सौ के नोट बिखरे देखे.
पूरा मामला
गन्ना काटने गए मजदूरों ने जब अपनी आंखों से दो हजार और पांच सौ के नोटों को बिखरे देखा तो पहले तो यकीन नहीं हुआ. लेकिन नोटों के मिलने की खबर गांव वालों को मिली तो लूट मच गई. इतने में पुलिस को भी नोट मिलने की जानकारी मिल गई और पुलिस ने टीम के साथ पहुंचकर खेत में पड़े नोटों को कब्जे में ले लिया और जिन लोगों ने नोट उठाए थे उनसे भी पुलिस ने वापस ले लिए. बताया जा रहा है कि, पुलिस ने करीब 1.15 लाख रुपये कब्जे में लिए हैं और मामले की जांच शुरू कर दी है.
फटे कपड़े की पोटली
दरअसल, गांव के रहने वाले सीताराम का गन्ने का खेत है और मजदूर गन्ना काटने गए थे. इसी दौरान उन्होंने फटे कपड़े में कुछ बंधा हुआ देखा और उसे मिलकर खोलने लगे. जैसे ही कपड़े की पोटली खुली तो मजदूरों की आंखें फटी की फटी रह गई. नोट लूटने के लिए भगदड़ मच गई थी और रात होने की वजह से पुलिस ने ग्रामीणों को नोट सही सलामत रखने का आदेश दिया और सूरज निकलते ही हाटा कोतवाल जय प्रकाश पाठक ने गांव वालों से सारे नोट कब्जे में ले लिए. फिलहाल खेत में मिले नोटों की जांच कराई जा रही है क्योंकि अब तक उनके असली या नकली होने की पुष्टि नहीं हुई है.
5 लाख रुपये की चोरी
मामला सामने आने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है तो वहीं गांव वालों का कहना है कि, कुछ दिन पहले गांव के पास स्थित चौराहे पर किराने की दुकान से करीब 5 लाख रुपये की चोरी हुई थी. तो हो सकता है कि चोरों ने पैसों को गन्ने के खेत में छिपा दिया हो जो मजदूरों को मिल गया. लेकिन 5 लाख रुपये की चोरी के बाद खेत से सिर्फ 1.15 लाख रुपये मिले हैं ऐसे में ये भी बड़ा सवाल है कि, अगर वाकई ये पैसा चोरी का है तो बाकी रुपये कहां हैं. पुलिस ने नोटों को जब्त कर जांच शुरू कर दी है और हर बिंदु से मामले की जांच की जा रही है और खेत में मिले रुपयों की पहचान कराई जा रही है. जिससे इनकी असलियत पता लगाने में मदद मिल सके.