आतंकियों का पनाहगाह पाकिस्तान कभी भी आतंकियों पर कार्रवाई नहीं किया। कभी कभी ऐसा होता है कि कार्रवाई के नाम पर कुछ अदालती कार्यवाही कर ली जाती है। ऐसा ही इस बार हुआ है। मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद को पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत ने एक और आतंकी गतिविधि के लिए साढ़े 15 साल की सजा सुनाई है। लाहौर के आतंकवाद-रोधी न्यायालय ने सईद पर 200,000 पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 70 वर्षीय सईद को पहले ही चार आतंकी वित्तपोषण मामलों में 21 साल की कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। हाफिज सईद के उपर कई मामले चल रहे हैं। अदालत ने सजा के दौरान बताया कि गुरुवार को लाहौर के एक आतंकवाद रोधी न्यायालय ने जमात-उद-दावा के पांच नेताओं को 15 साल की सजा सुनाई थी। संगठन का प्रमुख नेता हाफिज सईद है। सईद को लाहौर की कोट लखपत जेल में पांच आतंकवादी वित्तपोषण मामलों में 36 साल से अधिक जेल में रहना होगा। ऐसी सूचनाएं भी आयी हैं कि सईद को जेल में वीआईपी प्रोटोकॉल दिया जा रहा है।
ज्ञात हो कि सईद संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी है। उस पर अमेरिका ने इनाम भी घोषित कर रखा है। सईद को पिछले साल 17 जुलाई को आतंकी वित्तपोषण के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस साल उसे फरवरी में आतंकवाद निरोधी अदालत ने दो आतंकी वित्तपोषण मामलों में 11 साल की जेल की सजा सुनाई थी. नवंबर में सईद को आतंकवाद निरोधी अदालत ने दो और आतंकी वित्तपोषण मामलों में एक और 10 साल की सजा सुनाई थी।
गुरुवार को अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए अन्य चार जमात उद दावा के नेताओं में हाफिज अब्दुस सलाम, जफर इकबाल, प्रवक्ता याहया मुजाहिद और मुहम्मद अशरफ हैं। सभी दोषियों पर जुर्माना भी लगाया गया है। एटीसी ने सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की को भी इस मामले में छह महीने की कैद की सजा सुनाई और उस पर भी जुर्माना लगाया। ज्ञात हो कि नेताओं के खिलाफ द्वारा कुल 41 मामले दर्ज किए गए हैं। जिनमें से 28 का फैसला किया गया है जबकि बाकी एटीसी अदालतों में लंबित हैं। सईद के खिलाफ अब तक पांच मामले तय किए गए हैं।