रिर्पोट :- गौरव सिंघल, वरिष्ठ संवाददाता, सहारनपुर मंडल।
सहारनपुर (दैनिक संवाद ब्यूरो)। मात्र दस वर्ष की उम्र में ही 10 देशों में घूम चुकी मोक्षायतन योग संस्थान की नन्ही साधिका देवी प्रत्यक्षा द्वारा वंचित बच्चों के दर्द को बयां करने वाले रिलीज से पहले ही चर्चित हो चुके अंग्रेजी गाने ‘टेक मी अवे ‘ के कल (आज) शाम 7 बजे हो रहे रिलीज कार्यक्रम में कई बड़ी हस्तियां जुट रही हैं, जिनमें एंबेसेडर दिनेश पटनायक महानिदेशक आईसीसीआर भारत सरकार, एंबेसेडर अमरेंद्र खटुवा निवर्तमान विदेश सचिव, अंबेसडर के डी देवल भारतीय राजदूत आर्मेनिया, चिन्मय पंड्या प्रति कुलपति देव संस्कृति विश्वविद्यालय, आचार्य लोकेश मुनि संस्थापक अहिंसा विश्व भारती, प्रख्यात पत्रकार रोहित सरदाना संपादक आज तक, विनोद कुमार मिश्रा सचिव विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस,कथा मनीषी संजीव कृष्ण ठाकुर , ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक दुबे, मोटिवेशनल स्पीकर सीए अजय जैन, रेडियो फीवर एफएम क्रिटिएव हेड सुमंत रॉय आदि शामिल हैं।
कमाल की बात ये है ठीक है इस गाने के शब्द, भाव, संरचना, व संगीत स्वयं नन्ही प्रत्यक्षा ने तैयार किया है। इससे पूर्व 8 वर्ष की उम्र में ही उसके द्वारा रचे गये भक्ति गीत और नए राग की रचना के साथ ही 5 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनाई गई पेंटिंग व वीडियो के कारण नरेंद्र मोदी से वह सराहना का पत्र पा चुकी है। योगगुरु पद्मश्री भारत भूषण की नाती और भारत सरकार की राजनयिक रह चुकी प्रख्यात योगाचार्या व अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना प्रतिष्ठा सारस्वत की बेटी देवी प्रत्यक्षा ने बताया कि रिलीज होने वाला चर्चित गीत ‘टेक मि अवे’ का मकसद संगीत के माध्यम से वंचित बच्चों के जीवन में खुशी और राहत पहुंचाना है। मोक्षायतन योग संस्थान के सचिव एन के शर्मा के मुताबिक यह लोकार्पण कल शाम लाइव ऑन लाइन किया जाएगा।
रिलीज होने के लिए देवी प्रत्यक्षा का यह गाना अमेजॉन म्यूजिक, एप्पल म्यूजिक, स्पॉटिफाई, सावन, फेसबुक म्यूजिक, इंस्टाग्राम म्यूजिक, आदि प्लेटफार्म को उपलब्ध करा दिया गया है! प्रत्यक्षा ने इस संबंध में कल एक राष्ट्रीय टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि जिस तरह उसके नाना और मां योग के माध्यम से दुनिया को राहत देने का कार्य कर रहे हैं, यही काम वह अपने गीत व संगीत के माध्यम से करना चाहती है। उसका मानना है कि अपने परिवार, विशेषकर संगीत में दखल रखने वाले दोनो भाइयों सात्विक और स्वास्तिक से मिले प्रोत्साहन के कारण ही ये सब संभव हो पाता है। ज्ञातव्य है कि दस साल की उम्र में ही प्रत्यक्षा गत अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा घोषित माय योग माय लाइफ ब्लॉगिंग कांटेस्ट के दौरान मॉरीशस में रहते हुए मॉरीशस की राष्ट्रीय विजेता भी रह चुकी हैं।