उत्तर प्रदेश में इन दिनों योगी की सरकार (Yogi Government) एक्शन मूड में दिखाई दे रही है. प्रदेश में भ्रष्टाचार से लेकर दबंगों के खिलाफ सरकार का हल्ला बोल जारी है. दरअसल भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने मेरठ (Meerut) की सरधना तहसील में तैनात रहे उपजिलाधिकारी कुमार भूपेंद्र सिंह (SDM Bhupendra Singh) के डिमोशन (Demotion) का ऐलान कर दिया है. जी हां सीएम की तरफ से भूपेंद्र सिंह को उपजिलाधिकारी के पद से हटाकर तहसीलदार (Tehsildar) के पद पर डिमोट करने का निर्देश दिया गया है. इस समय कुमार भूपेन्द्र की तैनाती मुजफ्फरनगर जिले में की गई है.
मीडिया खबरों के मुताबिक मेरठ के ग्राम शिवाया, जमाउल्लापुर, परगना दौराला, तहसील सरधना के राजस्व अभिलेखों में पशुचर के तौर पर दर्ज 1.5830 हेक्टेयर जमीन को साल 2013 में निजी बिल्डर को दे दिया गया था. जिसकी शिकायत के बाद लगातार जांच हो रही थी. इस मसले में हुई तहकीकात के दौरान ये जानकारी निकलकर सामने आई कि साल 2016 में यहां SDM के पद पर तैनात भूपेंद्र सिंह ने सरकार के हितों के बारे में बिना सोचे, अपने निजी इच्छाओं को पूरा करने के लिए इससे जुड़े पक्षों से मिलीभगत की, और तो और इसके बाद उन्होंने रेवन्यू कोर्ट मैनुअल के खिलाफ अगस्त 2016 में अमलदरामद का आदेश पारित कर दिया था.
कई और अफसरों के खिलाफ हुई कानूनी कार्रवाई
फिलहाल बताया जा रहा है कि, काफी समय से इस मामले में चल रही जांच के बाद उत्तर प्रदेश की सरकार ने इसे भ्रष्टाचार के तौर पर मानते हुए इन्हें डिमोट करने का फरमान जारी कर दिया है. इस केस में दोषी एक और तत्कालीन एसडीएम, एक अपर आयुक्त, एक तहसीलदार (अब सेवानिवृत्त) के साथ एक राजस्व निरीक्षक और एक लेखपाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अभी भी अंडर प्रोसेस में है.