हरियाणा के फरीदाबाद में एक चौकानें वाला मामला सामने आया है. जहां पर एक व्यक्ति की मौत दो और तीन अप्रैल की बीच रात को हो गयी थी, और स्वास्थ्य विभाग ने रिकॉर्ड में दिखाया कि उस व्यक्ति को 6 अप्रैल को कोरोना की वैक्सीन दे दी गई है. इस मामले का खुलासा जब हुआ तो पूरे स्वास्थ्य विभाग में हाहाकार मच गया. अभी तक स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अधिकारी इस मामले के बारे में कुछ भी नहीं कहा है.
वैक्सीन अभियान के तहत टीका लगवाने के लिए लोग काफी हद तक हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन दिल्ली से लगे हुए फरीदाबाद से एक स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की बड़ी घटना सामने आई है. जहां पर एक 64 वर्षीय व्यक्ति के मौत के बाद उसके फोन में मैसेज आता है कि उसने वैक्सीन लगवाई हैं.
ये 64 वर्षीय व्यक्ति फरीदाबाद के SGM नगर के रहने वाले हैं, जिनका नाम कृष्ण लाल है. स्वास्थ्य विभाग के दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार उन्हें बीते 6 अप्रैल को कोरोना की वैक्सीन कृष्ण लाल को लगी थी. लेकिन उनकी मौत 6 तारीख से पहले ही 2-3 अप्रैल की रात को हो चुकी हैं.
मृतक के घरवालों ने कहा कि 2 तारीख को कृष्ण लाल की तबीयत खराब हुई, जिसके बाद परिजनों ने उन्हें अस्पताल में एडमिट करवाया, वहां उनकी मौत हो गयी. उनके बेटे के अनुसार जब वो अपने पिता को अस्पताल ले गए थे, तो उनकी मौत हो चुकी थी. डॉक्टरों को उन्होंने बताया भी कि उनके पिता को 2 तारीख को ही कोरोना वैक्सीन लग चुकी थी. जिसके बाद उनकी एकदम से मौत का कारण जानना चाहा तो डॉक्टरों ने उनसे कहा कि पोस्टमार्टम की जगह वो अपने पिता के शव को घर ले जाएं और उनका अंतिम संस्कार करें . इससे स्वास्थ्य विभाग पर कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं.
अंतिम संस्कार होने के बाद 7 अप्रैल को मृतक के फोन पर एक मैसेज आया, जो कि स्वास्थ विभाग की ओर से किया गया था, इस मैसेज में लिखा था कि बुजुर्ग को बीते 6 अप्रैल को कोरोना की वैक्सीन लगाई गयी है और 28 दिनों के बाद ही उनको वैक्सीन की दूसरी डोज की डेट दी जाएगी. ये मैसेज देखते ही परिजनों के होश उड़ गये.इसके बाद परिजनों ने स्वास्थ विभाग की इस लापरवाही के बारे में पता किया.