अयोध्या में कार्तिक मेले में भीड़ नहीं आए इसके लिए आज से ही अयोध्या के सीमाओं पर बैरियर लगा दिए गए हैं. इसके साथ ही बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. अयोध्या के स्थानीय लोग आईडी दिखाकर ही अयोध्या में प्रवेश पा सकते हैं. कार्तिक मेले के दौरान 22 नवंबर को 14 कोसी परिक्रमा है. वहीं, 25 नवंबर को पंचकोसी परिक्रमा है और 30 नवंबर की रात्रि में पूर्णिमा स्नान है. इसके चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं. लेकिन इस बार कोविड-19 की महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन ने देश भर के श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह कार्तिक मेले के दौरान अयोध्या नहीं आए. अपने घरों में रहकर ही पूजा-अर्चना करें. यही नहीं जिला प्रशासन के साथ अयोध्या के संत और धर्मचार्यों ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह अयोध्या नहीं आए घरों में रहकर पूजा-अर्चना करें और पुण्य अर्जित करें.
प्रभारी एसएसपी विजयपाल सिंह का कहना है कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए अयोध्या की सीमाओं को आज से ही बैरियर लगाकर बंद कर दिया गया है. अयोध्या की 13 जगह की सीमाओं को बैरियर से बंद किया गया है. बाहरी जो भी लोग आ रहे हैं उनके प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. स्थानीय लोग ही प्रवेश पा रहे हैं और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण कि अयोध्या में भीड़ नहीं हो जिससे कोविड-19 के संक्रमण से अयोध्या को बचाया जा सके. इसके लिए अयोध्या जिले के आसपास के जनपदों से भी मीटिंग की गई है. उन जिलों के अधिकारियों से वार्ता की गई है और वह भी अपने जिले के लोगों को अयोध्या नहीं आने के लिए अपील कर रहे हैं.
फिलहाल अयोध्या में कार्तिक मेला शुरू हो चुका है. 22 नवंबर को 14 कोसी परिक्रमा शुरू होगी और 30 नवंबर तक कार्तिक मेला चलेगा. इस दौरान जिला प्रशासन के लिए सबसे बड़ा चैलेंज अयोध्या में भीड़ नहीं होने देने का है. इसको लेकर अयोध्या में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. अयोध्या हमेशा आतंकियों की हिट लिस्ट में रहती है इसको भी देखते हुए अयोध्या की सुरक्षा को बढ़ाई गई है. एटीएस के कमांडो को अयोध्या में तैनात किया गया है. साथ ही अयोध्या के खुफिया तंत्र को भी सक्रिय रखा गया है. जिला प्रशासन बार-बार देशभर के श्रद्धालु से अपील कर रहा है कि वह कोविड-19 के संक्रमण से बचे अयोध्या में नहीं आए. घरों में रहकर पूजा अर्चना करें. अयोध्या के प्रवेश मार्गों पर सघन चेकिंग अभियान लगातार चालू है.