चीन और पाकिस्तान की सीमा पर तैनात भारतीय जवानों के लिए 73 हजार और SIG SAUER 716 असॉल्ट राइफल मंगाई जा रही हैं. इसकी जानकारी कंपनी SIG SAUER ने खुद दी है. इस डिलीवरी के बाद भारतीय सेना के पास 1.45 लाख से ज्यादा Sig Sauer 716 असॉल्ट राइफल्स हो जाएंगी. ये खास रायफल चीन-पाकिस्तान की सीमा पर तैनात भारतीय शूरवीरों को बहुत जल्द मिल जाएगी.
इससे बॉर्डर पर तैनात भारतीय सेना की ताकत और जवानों का हौसला कई गुना बढ़ जाएगा. Sig Sauer कंपनी के सीईओ रॉन कोहेन ने जानकारी दी कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी ने हमें दोबारा यह बंदूक भेजने का ऑर्डर दिया है. यह हमारे लिए गर्व की बात है. इस गन की खासियतों की वजह से ही पहले भी असॉल्ट राइफल को LAC और LOC में तैनात जवानों को दी गई थी. ये दुनिया की सबसे बेहतरीन राइफलों में मानी जाती है.
सिग-716 राइफल की ताकत की बात करें तो यह ऑटोमेटिक असॉल्ट राइफल है. इसकी एक्यूरेसी 100 प्रतिशत है यानी दुश्मन को मात देने के लिए बेहतरीन है. इससे हर मिनट 685 राउंड फायरिंग हो सकती है. इसकी एक मैगजीन में 20 गोलियां लगाई जा सकती हैं. इसमें NATO ग्रेड की गोलियां इस्तेमाल होती हैं. इसकी रेंज 600 मीटर है, जो AK-47 की रेंज से भी ज्यादा है. इसके साथ ही यह राइफल गैस ऑपरेटेड रोटेटिंग बोल्ट सिस्टम से लैस है. इसमें एडजस्टेबल फ्रंट भी लगाया जा सकता है, जो दूसरी राइफल से इसको अलग बनाता है.
इसमें रीयर ऑप्टिक्स भी इस्तेमाल किया जाता है. दुनियाभर में इस राइफल के चार वैरिएंट मौजूद हैं. पहला वेरिएंट सिग 716 CQB है. ये राइफल नजदीकी लड़ाई के लिए बनाई गई है. इसका आकार छोटा होता है, लेकिन निशाना जबरदस्त होता है. ये राइफल का कार्बाइन फॉर्मेट में है. ये भी बेहद घातक वैरिएंट है. सिग-716 प्रेसिशन मार्क्समैन ये वैरिएंट भारी होता है. इसकी बैरल की लंबाई 20 इंच होती है. यानी स्नाइपर के लिए बेहतरीन. ये सेमी-ऑटोमैटिक फॉर्मेट में आती है. एक और वैरिएंट सिग-716 पेट्रोल राइफल है. ये ओरिजनल लेंथ वाली राइफल है.