उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल (Anand Swaroop Shukla) ने “बुर्के (Burkha) को अमानवीय व्यवहार व कुप्रथा” करार देते हुए बुधवार को कहा कि देश में तीन तलाक (Triple Talaaq) की तर्ज पर “मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से भी मुक्ति दिलाई जाएगी”. संसदीय कार्य राज्य मंत्री शुक्ल ने बुधवार को बलिया में मीडिया से कहा “अनेक मुस्लिम देशों में बुर्के पर पाबंदी है और यह अमानवीय व्यवहार व कुप्रथा है”. मंत्री आनन्द स्वरूप ने कहा इसलिए “देश में मुस्लिम महिलाओं को बुर्के से भी मुक्ति दिलाई जाएगी”.
उन्होंने इसके साथ ही कहा कि विकसित सोच वाले लोग न तो बुर्का पहन रहे हैं और न ही इसे बढ़ावा दे रहे हैं. मंत्री शुक्ल ने मंगलवार को बलिया में स्थित मस्जिदों में लाउडस्पीकर की आवाज नियंत्रित करने व लाउडस्पीकर को हटाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र भी लिखा था. अजान को लेकर अपने बयान पर शुक्ल ने कहा कि उन्होंने आम लोगों की शिकायत पर मस्जिद में लगाए गए लाउडस्पीकर की वजह से हो रही परेशानी का लेकर जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि तड़के चार बजे अजान शुरू हो जाती है और इसके बाद चंदे के सम्बंध में चार से पांच घंटे सूचना दी जाती है. जिस वजह से उन्हें पूजा-पाठ, योग, व्यायाम व शासकीय कामों को करने में दिक्कत आती है.
मंत्री ने कहा 112 पर कर सकते हैं शिकायत
मंत्री ने कहा कि आम लोग डायल 112 पर कॉल कर मस्जिद में लगाए गए लाउडस्पीकर के कारण हो रही दिक्कत की सूचना दे सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने डीएम को जो पत्र लिखा है, उस पर कार्रवाई होगी. शुक्ल ने कहा कि अगर उनके पत्र पर कार्रवाई नहीं होती है तो वह आगे कदम उठाएंगे. वहीं मामले में मदीना मस्जिद की इंतजामिया कमेटी में शामिल मौलाना ने मंत्री जी के लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उनका कहना है कि मस्जिद में 5 वक्त की अजान जरूर होती है लेकिन इससे किसी को परेशानी नहीं है. अजान केवल कुछ मिनटों के लिए होती है.